शिखा पाण्डेय,
भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन ने अब अपने मन की बातें खुलकर प्रकट की हैं। राजन ने कहा है कि वह पहले अपने कार्यों को पूरा करने के लिये कुछ और समय रुकने के लिए राज़ी थे। लेकिन जिस तरह का ओछा माहौल उनके खिलाफ बनाया गया, उससे वे दूसरा कार्यकाल नहीं लेने के अपने निर्णय पर खुश हैं।
राजन ने टेलीविजन चैनल सीएनबीसी-टीवी 18 को दिए एक साक्षात्कार में कहा कि वह वे टीम के हिसाब से खेलने वाले सबसे अच्छे खिलाड़ी रहे और उन्होंने देश के हित में जो काम सबसे अच्छा समझा वह किया। उन्होंने कहा कि सरकार के साथ बातचीत की प्रक्रिया उस मुकाम तक नहीं पहुंची थी जहां रुकने को लेकर सहमति बन सकती थी।
भविष्य की योजना के बारे में राजन ने कहा, ” जैसा मैंने बार-बार कहा है कि मैं मूल रूप से अध्ययन अध्यापन क्षेत्र का आदमी हूं। आरबीआई गवर्नर का काम एक अतिरिक्त काम है।” उल्लेखनीय है कि राजन का कार्यकाल चार सितंबर को समाप्त हो रहा है और उसके बाद उनकी फिर से अध्ययन अध्यापन के क्षेत्र में जाने की योजना है।
राजन ने कहा,” हाल में हुए कुछ आक्षेप बहुत ओछे थे। बिना सिर पैर की बातें की गयीं। मैंने उन आक्षेपों पर ध्यान नहीं दिया।” आपको बता दें कि भाजपा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने राजन पर कई आरोप लगाये थे। उन्होंने आरोप लगाया कि अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष के पूर्व प्रमुख अर्थशास्त्री मानसिक रूप से पूरी तरह भारतीय नहीं हैं और गोपनीय तथा संवेदनशील सूचनाएं विदेश भेजते हैं।
राजन ने कहा, ” मैं दूसरे कार्यकाल के लिए बहुत उत्सुक नहीं था। मैं कार्यों को पूरा होने के लिये कुछ समय रुकने के लिये तैयार था। लेकिन अब जब मैं जा रहा हूं तो पूरी तरह खुश हूं।” गवर्नर ने कहा कि उन्होंने जो काम लिये, उसमें से 90 से 95 प्रतिशत पूरे हो गये हैं और उन्हें यह कार्य करने में पूरी आजादी रही।
राजन ने कहा कि उन्हें अपने हिसाब से अपना काम करने की संपूर्ण स्वतंत्रता मिली। इसके लिए सरकार के साथ बहुत काम करना होता है, सरकार को राजी करना पड़ता है। गर्वनर ने कहा कि कोई यह कहे कि आप तो हमेशा लड़ते रहे, तो यह बिल्कुल गलत है। पिछली सरकार के साथ संबंध अच्छे थे और इस सरकार के साथ भी अच्छे संबंध रहे।