प्रधानमंत्री ने कहा,” पिछले कई दिनों से जो कुछ हो रहा है, उसमें जान गंवाने वाले हमारे ही अंग हैं। हमारे युवा, सुरक्षा बल, अथवा पुलिस, भले ही किसी की भी जान जाये, यह हमारे लिए परेशान करने वाली बात है।”
पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के नेतृत्व में शिष्टमंडल से मुलाकात में प्रधानमंत्री ने राज्य में व्याप्त स्थिति पर गहरी चिंता एवं पीड़ा जतायी तथा घाटी में सामान्य स्थिति कायम किये जाने की अपील की। प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार जम्मू कश्मीर राज्य के साथ है। उन्होंने सुझाव दिया कि सभी राजनीतिक दलों को जनता से संपर्क साधना चाहिए और इस बात से अगवत कराना चाहिए।
मोदी ने जम्मू कश्मीर की समस्याओं का समाधान निकालने के लिए सभी राजनीति दलों से मिलकर काम करने के लिए कहा। प्रधानमंत्री ने कहा, “हमें संविधान के दायरे में समस्या का एक स्थायी एवं टिकाऊ समाधान निकालने की आवश्यकता है।” प्रधानमंत्री ने राज्य के विकास के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया।
उल्लेखनीय है कि नेशनल कांफ्रेस नेता उमर अब्दुल्ला के नेतृत्व में एक शिष्टमंडल ने प्रधानमंत्री से मुलाक़ात की। उसने घाटी में वर्तमान संकट के समाधान के लिए एक राजनीतिक दृष्टिकोण अपनाये जाने तथा पूर्व की गलतियों की पुनरावृत्ति नहीं होने देने को कहा। आपको बता दें कि कश्मीर में हिजबुल मुजाहिद्दीन के कमांडर बुरहान वानी के आठ जुलाई को मारे जाने के बाद से, अर्थात पिछले 44 दिनों से अशांति कायम है।