राजेश सोनी | Navpravah.com
गुरुवार को ही सर्वोच्च न्यायालय ने पद्मावती फ़िल्म पर 4 राज्यों में लगे बैन को हटा दिया और इस फ़िल्म को पूरे देश में रिलीज करने की अनुमति दे दी। सर्वोच्च न्यायालय के इस फैसले के बाद से ही करणी सेना समेत सारे राजपूत संगठन इस फैसले का विरोध कर रहे हैं। करणी सेना का कहना है कि अभी तक उनको सर्वोच्च न्यायालय के फैसले की कॉपी नहीं मिली है। वह हर हाल में इस फैसले के संसोधन के लिए सर्वोच्च न्यायालय जाएंगे। करणी सेना आज फ़िल्म पद्मावती के विरोध में सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दायर कर सकती है।
करणी सेना का कहना है कि वह सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ डबल बेंच में याचिका दायर करेंगे और फ़िल्म पर पूरी तरह से बैन लगाने की मांग करेंगे। वहीं संगठन के अध्यक्ष सुखदेव सिंह गोगामेड़ी ने एक वीडियो संदेश में बोलते हुए कहा कि पद्मावती फ़िल्म पर पूरे तरीके से प्रतिबंध लगाने के लिए वह राष्ट्रपति से मिलने की कोशिश करेंगे। उन्होंने कहा कि वह और उनका संगठन इस फ़िल्म को देश में कहीं भी रिलीज नहीं होने देंगे।
आगे उन्होंने आगे कहा कि एक सामान्य नागरिक को सर्वोच्च न्यायालय में अगली तारीख जाने के लिए महीनों चक्कर काटने पड़ते हैं। वहीं पद्मावती फ़िल्म के निर्देशक संजय लीला बंसाली के याचिका पर इतनी जल्द सुनवाई करना यह कहीं न कहीं सर्वोच्च न्यायालय के कार्यशैली पर प्रश्न उठाता है।
गौरतलब है कि गुरुवार को बिहार के मुज्जफरपुर में क्षत्रिय समाज के लोगों ने पद्मावती फ़िल्म के विरोध में एक सिनेमा घर में आगजनी कर दी थी। वहीं रायपुर क्षत्रिय समाज के अध्यक्ष ने सर्वोच्च न्यायालय के फैसले को मानने से इनकार तक कर दिया था।