शिखा पाण्डेय । Navpravah.com
रिलायंस इंडस्ट्रीज के सूत्रधार मुकेश अंबानी ने ‘जियो’ के ‘फ्री’ 4जी हैंडसेट की घोषणा कर के वित्त मंत्रालय के कान खड़े कर दिए हैं। अब वित्त मंत्रालय रिलायंस जियो के लगभग फ्री 4जी हैंडसेट के ऑफर की जांच कर रहा है। मंत्रालय के दो अधिकारियों का कहना है कि यह देखा जा रहा है कि यह ऑफर जीएसटी के दायरे में है या नहीं। सूत्रों का कहना है कि सेल्युलर ऑपरेटर एसोसिएशन ऑफ इंडिया वित्त मंत्रालय से इस मामले में सफाई मांगने की योजना रहा है। एसोसिएशन यह जानना चाहता है कि फ्री हैंडसेट की बिक्री पर टैक्स के नियम क्या होंगे।
न्यूज एजेंसी कोजेंसिज के अनुसार एक अधिकारी का कहना है कि यह मामला उनकी जानकारी में लाया गया है, और वे इस मामले को देख रहे हैं। जीएसटी के तहत मोबाइल फोन पर 12 फीसदी टैक्स लगता है। इस अधिकारी के अनुसार हम इस मामले को देख रहे हैं कि फोन गुड्स है और इसमें सर्विस का एलीमेंट भी है।
अधिकारी के अनुसार हम पहले स्कीम क्या है यह समझने का प्रयास कर रहे हैं। अगर इसमें कुछ गलत होगा तो यह स्वीकार नहीं किया जाएगा। इस अधिकारी के अनुसार इसी तरह की जानकारी गुड्स एंड सर्विस टैक्स फिटमेंट कमेटी भी जुटा रही है। अगर यह मामला ज्यादा बड़ा हुआ, जिसे हम लोग नहीं सुलझा सकेंगे, तो फिर यह मामला जीएसटी काउंसिल को भेजा जाएगा। काउंसिल की बैठक 5 अगस्त को है।
उल्लेखनीय है कि रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अम्बानी ने बीते शुक्रवार को लगभग जीरो प्राइज पर 4जी हैंडसेट देने की घोषणा की थी। यह फोन रिलायंस की सब्सिडियरी ‘रिलायंस जियो’ देगी। योजना के अनुसार ग्राहक को यह हैंडसेट लगभग फ्री में पड़ रहा है। कंपनी 1500 रुपए की सिक्युरिटी डिपॉजिट पर कस्टमर को 4जी हैंडसेट देगी। 3 साल के बाद हैंडसेट लौटा कर ग्राहक अपना सिक्युरिटी डिपॉजिट वापस ले सकती है।