शिखा पाण्डेय,
तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जे. जयललिता के निधन से पूरा देश शोक की लहर में डूबा हुआ है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी समेत देश के तमाम दिग्गज उनके अंतिम दर्शन करने पहुंचे। आज संसद के दोनों सदनों में भी उन्हें श्रद्धांजलि दी गई। हिन्दू होने के बावजूद उनके पार्थिव शरीर को हिन्दू रीति-रिवाजों के अनुसार जलाया नहीं जायेगा, बल्कि दफनाया जायेगा। उन्हें उनके राजनीतिक गुरु एमजीआर के स्मारक के नजदीक ही दफनाया जाएगा।
जयललिता के पार्थिव शरीर को अंतिम दर्शन के लिए राजाजी हॉल में रखा गया था। अब से कुछ ही देर बाद उनके पार्थिव शरीर को मरीना बीच स्थित पूर्व मुख्यमंत्री एमजीआर के स्मारक के करीब दफनाया जाएगा। प्रशासन ने जेसीबी मशीनों के जरीए उस स्थान को तैयार कर लिया है जहां जयललिता को दफनाया जाना है।
वैसे तो हिंदू होने के नाते उनका अंतिम संस्कार हिंदू रीति रिवाजों से किया जाना था, लेकिन सूत्रों के अनुसार जयललिता के अंतिम संस्कार को लेकर एआईएडीएमके नेताओं में भ्रम की स्थिति थी। गूढ़ विचार विमर्श के बाद पार्टी के उच्च पदाधिकारियों ने तय किया कि जयललिता के शव को पूर्व मुख्यमंत्री एमजी रामाचंद्रन की ही तरह दफनाया जाए।
गौरतलब है कि 74 दिनों से चेन्नई के अपोलो अस्पताल में ज़िन्दगी की जंग लड़ने के बाद अंततः वे हार गईं। उन्हें रविवार को दिल का दौरा पड़ा, और उनका सोमवार देर रात दिल के काम बंद कर देने से निधन हो गया। पूरे राज्य में 7 दिन का शोक घोषित किया गया है। स्कूल व कॉलेज 3 दिनों के लिए बंद रखे गए हैं। आज केंद्र सरकार द्वारा 1 दिन के राष्ट्रीय शोक की भी घोषणा की गई है।