राजेश सोनी | Navpravah.com
गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय नौसेना को देश की स्कोर्पियन श्रेणी की मेक इन इंडिया के तहत बनी पहली स्वदेशी पनडुब्बी समर्पित की। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने इस पनडुब्बी को सुरक्षा और रक्षा को बढ़ावा देने वाला एक कारगर जंगी पनडुब्बी बताया। इस पनडुब्बी के आने के बाद देश की नौसेना सशक्त हो जाएगी और नौसेना को समुद्री सीमाओं की रक्षा करने में मदद मिलेगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस मौके पर औपचारिक रूप से पनडुब्बी के ऊपर लगी कलवरी कमिशनिंग पट्टी का अनावरण किया और इस पनडुब्बी को देश की नौसेना को समर्पित कर दिया। उन्होंने इस मौके पर सभी नौसेना के अधिकारीयों से हाथ मिलाया।
मोदी ने इस अवसर पर फ्रांस का आभार व्यक्त किया, क्योंकि फ्रांस ने भारत को इस स्वदेशी पनडुब्बी को बनाने की परियोजना में मदद की थी। आगे मोदी ने कहा कि यह भारत और फ्रांस के बीच बढ़ती रणनीतिक संबंधों के मजबूत होने का प्रतीक है, क्योंकि आईएनएस कलवरी से भारत के रक्षा, आर्थिक, तकनीकी और अंतर्राष्ट्रीय क्षमता को बढ़ावा मिलेगा। मोदी ने इस पनडुब्बी को विशेष नाम ‘सागर’ से संबोधित किया। सागर का मतलब मोदी ने बताया कि security and growth for all in the region है।
मोदी के अनुसार इस पनडुब्बी के भारतीय नौसेना में शामिल होने के बाद भारत की जल क्षेत्र में ताकत बढ़ेगी। उन्होंने कहा, पनडुब्बी के मदद से समुद्र के रास्ते आतंकवादी गतिविधियों, ड्रग तस्करों पर प्रभावी कार्रवाई की जा सकेगी।
बता दें कि भारतीय नौसेना में 17 सालों के बाद कोई स्वदेशी पनडुब्बी को शामिल किया गया। इसी वर्ष भारतीय नौसेना की पनडुब्बी शाखा ने अपनी स्वर्ण जयंती मनाई थी। आईएनएस कलवरी एक डीजल-इलेक्ट्रिक जंगी पनडुब्बी है, जिसे भारतीय नौसेना के लिए मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड ने बनाया है। यह स्कॉर्पिन श्रेणी की उन 6 पनडुब्बियों में से पहली पनडुब्बी है, जिसे भारतीय नौसेना में शामिल किया जाना है। यह मेक इन इंडिया पहल की कामयाबी को दर्शाता है। इस परियोजना को फ्रांस के सहयोग से चलाया जा रहा है। फ्रांस की रक्षा एवं ऊर्जा कंपनी डीसीएनएस द्वारा डिजाइन की गयी पनडुब्बियां भारतीय नौसेना के प्रोजेक्ट-75 के तहत बनायी जा रही हैं।