सौम्या केसरवानी।Navpravah.com
एनसीडीआरसी ने कहा है कि अगर किसी पैसेंजर का बिना बुक किया गया कोई सामान ट्रेन से चोरी हो जाता है तो रेलवे उसके लिए जिम्मेदार नहीं लेगी। एनसीडीआरसी ने लोअर कंज्यूमर फोरम के उस ऑर्डर को खारिज कर दिया जिसमें उसने एक महिला के खोए हुए सामान के लिए रेलवे को जिम्मेदार ठहराते हुए कम्पनसेशन देने को कहा था।
5 सितंबर 2011 को ममता अग्रवाल शालीमार एक्सप्रेस में सफर कर रहीं थीं, उनके पास एक सूटकेस था। इसमें तीन गोल्ड चेन, दो डायमंड रिंग्स और एक सिम्पल रिंग के अलावा 15 हजार रुपए कैश थे।
महिला ने इसकी शिकायत डिस्ट्रिक्ट फोरम में की, तब फोरम ने रेलवे से इस महिला को 1.30 लाख का कम्पनसेशन देने को कहा था। छत्तीसगढ़ स्टेट कमीशन ने भी इस ऑर्डर पर मुहर लगा दी, लेकिन एनसीडीआरसी ने इसे खारिज कर दिया।
रेलवे एक्ट के सेक्शन 100 (1989) के मुताबिक, हम किसी भी पैसेंजर के लगेज के खोने, टूटने या नॉन डिलिवरी के लिए तब तक दोषी नहीं हैं जब तक उस लगेज को हमारे किसी इम्प्लॉई ने बुक ना किया हो।
मामले की सुनवाई के दौरान एनसीडीआरसी ने साफ कहा- इस मामले में हम रेलवे की तरफ से कोई गलती या लापरवाही नहीं है। पिछले दोनों फोरम ने जो ऑर्डर दिया है वो कानून और नियमों के मुताबिक नहीं है। लिहाजा, इन्हें रद्द किया जाता है। कमीशन ने रेलवे के किसी कर्मचारी की भी इस केस में कोई गलती नहीं पाई गयी है।