अनुज हनुमत | Navpravah.com
साध्वियों से दुष्कर्म मामले में सजायाफ्ता डेरा सच्चा सौदा का मुखी गुरमीत राम रहीम की खास राजदार हनीप्रीत इंसां अब तक पुलिस को गच्चा देकर गायब है। उसको पकडऩे के लिए पुलिस ने एड़ी-चोटी का जोर लगा दिया है, लेकिन कुछ रसूखदार उसे अपने चरित्र की कलई खुलने के डर से बचा रहे हैं।
डेरा सूत्रों का दावा है कि हनीप्रीत को फरार करवाने में कुछ बड़े रसूखदार लोगों का हाथ है, क्योंकि उसके पकड़े जाने से कई दिग्गजों के चरित्र की कलई खुल सकती है। एक आरोप यह भी है कि राम रहीम के समधी और कांग्रेस के विधायक रहे हरमिंदर सिंह जस्सी ही हनीप्रीत को बचा रहा है। इस बात को तब और अधिक बल मिला था जब हनीप्रीत की तलाश के दौरान हरमिंदर सिंह के सिक्योरिटी में तैनात जवान राजस्थान के श्रीगंगानगर में देखे गए थे। मीडिया को देखने के बाद बंदूकों से लैस इन जवानों ने अपनी गाडिय़ां वहां से दौड़ा दी। श्रीगंगानगर में राम रहीम का पैतृक घर है उसका वहां भी बड़ा साम्राज्य फैला हुआ है.
अब हनीप्रीत को भगोड़ा घोषित करने की तैयारी की जा रही है। हालांकि हाल ही में हनीप्रीत अपना हुलिया बदलकर दिल्ली के लाजपत नगर में वकील प्रदीप आर्या के ऑफिस पहुंची थी। वहां उसने दिल्ली हाईकोर्ट से ट्रांजिट अग्रिम जमानत के लिए अर्जी के लिए वकील से सलाह-मशवरा किया और फिर से गायब हो गई। हाईकोर्ट ने बीते दिनों उसकी जमानत याचिका खारिज कर दी है। वहीं, हरियाणा पुलिस भी उसको भगोड़ा घोषित करने वाली है। अब सवाल उठ रहा है कि आखिर देश की राजधानी में होने के बावजूद हनीप्रीत को पुलिस क्यों नहीं पकड़ पाई?
सीबीआई कोर्ट ने जज ने जब बाबा राम रहीम को 28 अगस्त के दिन दोषी ठहराया तो उसे हेलीकॉप्टर से रोहतक जेल ले जाया गया। इस दौरान हनीप्रीत भी उसके साथ थी, मगर इसके बाद हनीप्रीत डेरा के कुछ लोगों के साथ आसानी से सबके सामने निकल गई, जबकि सिरसा में कफ्र्यू लगा हुआ था।
वहां से हनीप्रीत राजस्थान, हरियाणा और दिल्ली समेत कई जगहों पर ठिकाने बदलती रही, लेकिन पुलिस उसकी लोकेशन बदलने के बाद मौके पर पहुंचती थी. आखिरी बार दिल्ली में वकील से मिलने के बाद हनीप्रीत की लोकेशन एनसीआर के ग्रेटर कैलाश की एक कोठी में मिली, मगर पुलिस के पहुंचने से पहले ही वह फरार हो गई।