आनंद रूप द्विवेदी,
पैगम्बर मोहम्मद साहब को पहला समलैंगिक कह विवाद खड़ा करने वाले हिन्दू महासभा के नेता कमलेश तिवारी को इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने बड़ी राहत दी है। हाईकोर्ट ने कमलेश तिवारी पर से रासुका (राष्ट्रीय सुरक्षा कानून) की धाराओं को हटा दिया है। फ़िलहाल तिवारी उन्नाव जेल में हैं, जहाँ से उनकी रिहाई संभावित है।
गौरतलब है कि कमलेश ने हजरत मोहम्मद साहब पर विवादित टिप्पणी की थी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पिछले साल दिसंबर में कमलेश तिवारी ने अपने एक बयान में पैगंबर मोहम्मद साहब को गे करार दिया था। हिंदू महासभा के कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष कमलेश तिवारी का कहना था कि पैगंबर मोहम्मद साहब ने अपने दोस्त अबू बकर के साथ अंतरंग संबंध बनाए, जिसके चलते अबू बकर की 9 साल की बेटी भी रेप का शिकार हुई।
जिसके बाद पूरे उत्तर प्रदेश में समुदाय विशेष का विरोध-प्रदर्शन हुआ था। राजधानी लखनऊ सहित पश्चिमी उत्तर प्रदेश के संवेदनशील शहर मुजफ्फरनगर में भी विरोध की लहर तेज हो गई थी। मुस्लिमों ने एकजुट होकर सड़कों पर उसके खिलाफ विरोध-प्रदर्शन किया था।
इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने तिवारी के खिलाफ लगाये गए राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) को हटा लिया है। हाईकोर्ट का यह आदेश प्रदेश की सपा सरकार के लिए बड़ा झटका है।