अनुज हनुमत
इस समय पूरे देश में सबकी निगाहें यूपी चुनाव पर हैं और यही हालात तमाम बड़े नेताओं की भी है, जिन्हें अपना भविष्य यूपी की राजनीति में दिखता है। ऐसे ही दो शख्स जिनमें एक पुराने नेता स्वामी प्रसाद मौर्या हैं, जो अभी हाल ही में बसपा से बागी हुए हैं और दूसरा शख्स आम आदमी से नेता बना हार्दिक पटेल है। इस समय इन दोनों के ऊपर सबकी नजरें हैं कि आखिर ये दोनों किस पार्टी का दामन थामेंगे।
सूत्रों की मानें तो बसपा से बागी हुए स्वामी प्रसाद मौर्य को अब कांग्रेस से उम्मीदें हैं। बताया तो यहाँ तक जा रहा है कि कांग्रेस के एक बड़े नेता स्वामी प्रसाद के सम्पर्क में हैं और उनका दावा है कि जल्द ही वह कांग्रेस में शामिल हो जाएंगे। बहरहाल इस पर न तो स्वामी अपने पत्ते खोलने को तैयार हैं और न ही कांग्रेस कुछ बोल रही है। लेकिन अगर स्वामी प्रसाद कांग्रेस में शामिल होतें हैं, तो कांग्रेस की स्थिति और भी मजबूत हो सकती है। क्योंकि अभी हाल ही में कांग्रेस ने ब्राह्मण वोटरों को साधने के उद्देश्य से शीला दीक्षित को यूपी में पार्टी का सीेएम उम्मीदवार घोषित किया है और सूत्रों की मानें तो पार्टी ने स्वामी प्रसाद मौर्य को शामिल करकेे मायावती के वोट बैंक में सेंध लगाने के साथ ओबीसी वोटरों, खासकर कुर्मी वोट बैंक पर सेंध लगाने की सोंच रही है। क्योंकि स्वामी प्रसाद मौर्य भी खुद को कुर्मी जाति का सबसे बड़ा नेता मानते हैं।
यही एक समानता है स्वामी प्रसाद में और हार्दिक पटेल में। जिन पटेल पाटीदारों के आरक्षण का आंदोलन हार्दिक पटेल ने गुजरात में चलाया और सरकार से नाक में दम कर दिया, यूपी में वो कुर्मी जाति के नाम से जाने जाते हैं। पटेल और कुर्मी लगभग एक ही जाति मानी जाती है। जेल से रिहा होने के बाद हार्दिक यूपी में अपना ठिकाना जमा सकते हैं।
यूपी में कुशवाहा, शाक्य, कटियार, मौर्य, निरंजन भी इसी जाति के होते हैं और पूरे यूपी में इनकी आबादी लगभग साढे आठ फीसदी है। ये सभी ओबीसी में शामिल हैं और हार्दिक पटेल ऐसे समय पर रिहा हो रहे हैं, जब यूपी में कुर्मी वोटों को हड़पने की मारा मारी मची हुई है। बगल के राज्य बिहार से आकर नीतीश कुमार भी इसी वोट बैंक को लुभाने में लगे हैं, लेकिन यूपी में पहले से ही कुर्मी नेताओं की भी कमी नहीं है और हार्दिक पटेल के लिए अपनी जगह बनाना बेहद मुश्किल है।
सूत्रों के हवाले से खबर है कि हार्दिक पटेल आम आदमी पार्टी में शामिल हो सकते हैं। अरविन्द केजरीवाल का हार्दिक प्रेम किसी से भी छिपा नही है। कई बार उन्हें हार्दिक पटेल की बड़ाई करते देखा गया है। आगामी यूपी चुनाव में हार्दिक पटेल अपने आक्रामक तेवरों से लखनऊ के सियासी गलियारों में हलचल तो जरूर मचाएंगे लेकिन यूपी चुनाव में उनके आने से कितना परिवर्तन होगा ये तो आने वाला समय बतायेगा ।