सौम्या केसरवानी | Navpravah.com
पुणे जिले की एक यूनिवर्सिटी ने अजीबो गरीब और हैरान करने वाला फैसला लिया है, जिसके अनुसार, जो छात्र शाकाहारी होगें और नशा नही करेगें उन्हीं छात्रों को गोल्ड मेडल दिया जाएगा।
पुणे के सावित्रीबाई फुले विश्वविद्यालय के सर्कुलर के अनुसार, 10 ऐसी शर्तें तय की गई हैं जो महर्षि कीर्तंकर शेलार मामा गोल्ड मेडल के लिए छात्र की पात्रता तय करेंगे। गोल्ड मेडल पाने के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन ने साफ कहा है कि मेडल की पात्रता के लिए केवल शाकाहारी और नशा न करने वाले छात्र ही अप्लाई कर सकते हैं।
इसके साथ ही इस सर्कुलर में ये भी कंडीशन दी गई कि आवेदक छात्र को दसवीं, बारहवीं और ग्रेजुएशन की पढ़ाई में पहली श्रेणी या दूसरी श्रेणी के साथ पास होना चाहिए। साथ ही में ये भी लिखा गया कि मेडल के लिए अप्लाई करने वाले छात्र को भारतीय सभ्यता-संस्कृति में भी रुचि होनी चाहिए और छात्रों को योग, प्राणायाम में भी रूचि रहनी चाहिए, तभी वे मेडल के हकदार होगें।
ये सर्कुलर सामने आने के बाद से ही इस विश्वविद्यालय की हर जगह आलोचना हो रही है, सोशल मीडिया पर भी इसे लेकर लोग अपनी नाराजगी जाहिर कर रहे हैं। एनसीपी की नेता और सांसद सुप्रिया सुले ने ट्वीट कर कहा, ‘पुणे यूनिवर्सिटी का फैसला निराशाजनक है, हमें अपने राज्य की शिक्षा पर गर्व है, लेकिन ये क्या हमारी यूनिवर्सिटीज को क्या हो गया है।
एक मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार शिवसेना के सेना अध्यक्ष आदित्य ठाकरे ने भी इस फैसले की आलोचना किया है और कहा है कि कोई क्या खाए और क्या ना खाए ये सबका अपना फैसला है।