इविवि में छात्र संघ चुनाव ने दी दस्तक , कौन होगा ABVP से अध्यक्ष पद का उम्मीदवार !

अनुज हनुमत

इलाहाबाद। देश की राजनीति को एक से बढ़कर एक नायाब हीरे देने वाला इलाहाबाद विश्वविद्यालय हमेशा से छात्र राजनीति का गढ़ माना जाता रहा है। पिछले कुछ समय को अगर छोड़ दिया जाए, तो यहाँ के छात्र संघ से चुने हुए नेता, देश की राजनीति के मुख्य केंद्रबिंदु में रहे हैं।

इविवि में नये सत्र की प्रवेश प्रक्रिया शुरू हो गई है और कैम्पस में प्रवेश के लिए छात्रों में भारी उत्साह देखने को भी मिल रहा है। इसी के साथ विश्वविद्यालय में छात्र संघ चुनाव की उल्टी गिनती भी शुरू हो गई लेकिन अभी भी ज्यादातर उम्मीदवार खुलकर सामने नही आ रहे हैं।खासकर वो संभावित उम्मीदवार जिन्हें ABVP के पैनल से इस चुनावी समर में उतरना है।

पिछली बार अध्यक्ष पद को छोड़कर छात्र संघ के चारों पदों पर कब्जा करने वाली अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद इस बार सभी पद जीतना चाहेगी और इसलिए इस बार संगठन चाहता है कि एक मजबूत कैंडिडेट पर दांव लगाया जाए, जो हर हाल में जीत के झंडे कैम्पस में गाड़ सके।

वैसे AVBP के पैनल की घोषणा तो चुनाव से ऐन पहले ही होगी लेकिन कुछ चेहरे अपनी दावेदारी पूरी मजबूती के साथ पेश कर रहे हैं, जिनमें से ज्यादातर ने तो अपना चुनावी अभियान तेज भी कर दिया है। सभी प्रवेश भवन पर नए छात्रों की मदद में पूरी लगन के साथ जुटे हैं।

हमने इस बार अध्यक्ष पद के कुछ ऐसे ही संभावित उम्मीदवारों से बातचीत करके उनका मन टटोलना चाहा जिनके नाम ABVP पैनल में सबसे ऊपर आ रहे हैं, कि उनकी क्या मंशा है ! लेकिन अभी सीधे तौर पर कोई कुछ बोलने को तैयार नहीं। हमने सर्वप्रथम अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की छात्रा प्रमुख और कैम्पस में लगातार सक्रिय रहने वाली संभावित महिला उम्मीदवार नलिनी मिश्रा से चुनाव लड़ने की बात पूछी तो उन्होंने कहा कि, ‘ये तो संगठन तय करेगा कि कौन लड़ेगा। लेकिन अगर संगठन मुझे मौक़ा देता है तो मैं बिल्कुल चुनाव लड़ूंगी।’ इसके बाद हमने बात की ABVP से अध्यक्ष पद के प्रबल उम्मीदवार सूरज दुबे से, जो अपनी उम्मीदवारी को लेकर पूरी तरह से संतुष्ट दिखें लेकिन उनका भी यही कहना था कि संगठन का निर्णय सर्वोपरि होगा।

ABVP से अगले उम्मीदवार के रूप में अनुभव उपाध्याय भी मजबूती से अध्यक्ष पद की दावेदारी पेश कर रहे हैं। उनका कहना है कि मैं अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ूंगा, इसमें किसी भी प्रकार का संदेह नहीं है। संगठन जो भी फैसला करेगा, मुझे स्वीकार्य होगा और मुझे भरोसा है कि संगठन सही उम्मीदवार ही चुनेगा। कुछ और नाम भी अध्यक्ष पद के लिए सामने आ रहे हैं, जो भगवा रथ पर सवार होकर इस चुनावी समर को जीतना चाहते हैं लेकिन अभी उनसे हमारी किसी प्रकार की बात नहीं हुई है। इसलिए हम उनके नामों का जिक्र नहीं कर सकते।

बहरहाल, धीरे धीरे जैसे ही चुनाव का समय नजदीक आएगा उम्मीदवारों की संख्या और भी बढ़ेगी। लेकिन अगर हम पिछले चुनाव की बात करें तो संगठन ने एक मजबूत पैनल उतारा था लेकिन एक सच ये भी है कि संगठन ने जैसे ही पैनल घोषित किया, वैसे ही संगठन में आपसी गतिरोध भी देखने को मिला। जिसका सीधा प्रभाव अध्यक्ष पद के चुनाव पर पड़ा। जिसका निष्कर्ष ये निकला कि चुनाव के बाद अध्यक्ष पद के उम्मीदवार को लेकर संगठन की काफी आलोचना भी हुई। इसलिए इस बार संगठन छात्र संघ चुनाव खासकर अध्यक्ष पद को लेकर काफी सजग दिख रहा है। चुनाव में अभी भी महीनेभर से अधिक का समय है और अभाविप के कई कार्यकर्ताओं का कहना है कि संगठन को चाहिए कि वह जल्द से जल्द पैनल घोषित करें, जिससे उम्मीदवारों को पूरी तैयारी का मौक़ा मिल सके। लेकिन संगठन के मौजूदा रवैये को देखकर तो ऐसा नही लगता है कि पैनल जल्द घोषित हो सकता है।

6 COMMENTS

  1. अनुभव उपाध्याय अध्यक्ष 2016

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