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कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी बड़े जोर-शोर से आगामी चुनावों के प्रचार में लगे हुए हैं. शनिवार को असम में एक सभा को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि सरकार द्वारा ईपीएफ पर टैक्स लगाने का प्रस्ताव वापस लेने तक वह अपना संघर्ष जारी रखेंगे. सरकारी बजट को उन्होंने ‘फेयर एंड लवली’ योजना करार देते हुए कहा कि बजट में चोरों को काले धन को सफेद करने का अवसर दिया गया है, लेकिन इमानदारों के जीवन भर की संचय निधि पर कर लगा दिया है.
प्रधानमंत्री पर हमला करते हुए राहुल ने कहा, “मोदी ने अपने चुनावी वादे पूरे नहीं किए हैं. जनता को उन्होंने धोखा दिया है. मगर जिन लोगों ने मोदी को वोट दिया वे अब ‘रिफंड’ चाहते हैं. मैं इस सरकार पर दबाव बनाना जारी रखूंगा क्योंकि यह ईमानदार कामगार वर्ग की सरकार नहीं है. यह गरीब किसानों, पिछड़े वर्ग, युवकों, महिलाओं, दलितों, आदिवासी और अल्पसंख्यकों की सरकार नहीं है.”
राहुल ने कहा कि सरकार उद्योगपतियों के एक चुनिंदा समूह और काला धन रखने वालों के लिए काम करती है, परन्तु वे वेतनभोगी वर्ग के लिए लड़ते रहेंगे. उन्होंने कहा, “ मैंने मीडिया में कहा और प्रधानमंत्री से भी कहा था कि जनता की ईमानदार संचयन निधि पर कर नहीं लगाएँ और इस बारे में कुछ करें. लेकिन बृहस्पतिवार को संसद में अपने एक घंटे के भाषण में इस बारे में उन्होंने एक शब्द भी नहीं कहा.”
गौरतलब है कि वित्त मंत्री अरुण जेटली ने 2016-17 के बजट में इस वर्ष 1 अप्रैल के बाद ईपीएफ निकासी पर 60 फीसदी कर लगाने का प्रस्ताव दिया था. प्रस्ताव का विभिन्न राजनीतिक दलों, संगठनों और अन्य वर्गों ने विरोध किया है. कांग्रेस उपाध्यक्ष असम के दो-दिवसीय दौरे पर हैं.