शिखा पाण्डेय,
ऐसा प्रतीत हो रहा है कि उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी के अंदर चल रहे आतंरिक घमासान का अंत हो गया है। सपा सुप्रीमो ‘पिता’ मुलायम सिंह यादव के सामने मुख्यमंत्री ‘पुत्र’ अखिलेश की हार हो गई है। मुलायम सिंह यादव ने बेटे की नाराज़गी की परवाह न करते हुए नाराज़ भाई शिवपाल यादव को मनाना ज़्यादा महत्त्वपूर्ण समझा है।
आपको बता दें कि मुलायम सिंह के आदेशानुसार अखिलेश को शिवपाल यादव के सारे पद उन्हें वापस देने पड़े हैं। मुलायम ने स्वयं को पार्टी का सर्वे सर्वा साबित करते हुए अखिलेश के सारे फैसलों को पलट दिया है। आज शाम यूपी मुख्यमंत्री ऑफिस से खबर आयी कि शिवपाल यादव के सारे पोर्टफोलियो वापस किये जाएंगे। साथ ही गायत्री प्रजापति की कैबिनेट में वापसी होगी।
गौरतलब है कि दो दिनों पहले शिवपाल यादव को उत्तरप्रदेश इकाई का अध्यक्ष बनाये जाने से ख़फ़ा मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने उनसे पीडब्ल्यूडी मंत्रालय सहित कई अहम मंत्रालय छीन लिये। इसके बाद नाराज शिवपाल यादव ने अखिलेश के खिलाफ बयान दिया कि मौजूदा माहौल में सरकार के साथ काम करना मुश्किल है और उन्होंने अपने सारे पद से इस्तीफा दे दिया।
इस पूरे सियासी ड्रामे के क्लाइमेक्स के लिए सपा में मुलायम सिंह यादव लखनऊ पहुंचे और मामले को शांत कर अपने भाई शिवपाल यादव को मनाया और उन्हें मंत्रालय वापस दिलाने के लिए अपना विटो पावर दिखाया। इतना ही नहीं, कुछ दिनों पहले अखिलेश यादव ने अवैध खनन मामले में शामिल होने का आरोप लगने के बाद खनन विभाग के मंत्री गायत्री प्रजापति को मंत्री पद से हटा दिया था, उस फैसले को भी उलटते हुए मुलायम ने गायत्री की कैबिनेट में वापसी पर मुहर लगा दी है।