शिखा पाण्डेय|Navpravah.com
दूरदर्शन व आकाशवाणी द्वारा त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक सरकार का भाषण प्रस्तावित करने से मना करने का मामला और तूल पकड़ता जा रहा है।माणिक सरकार ने दूरदर्शन और आकाशवाणी पर आरोप लगाया है कि प्रसार भारती ने पत्र लिखकर भाषण में बदलाव करने को कहा था, जिसे उन्होंने मना कर दिया। इसके बाद भाषण का प्रसारण तो किया गया, लेकिन काट-छांट कर किया गया। माणिक सरकार ने इसे एक गैरलोकतांत्रिक व असहिष्णु कदम बताया। उन्होंने कहा कि बीजेपी या आरएसएस की सम्पत्ति नहीं है दूरदर्शन।
एक अखबार से बातचीत के दौरान माणिक सरकार ने कहा, “प्रसार भारती के पास ऐसा कोई अधिकार नहीं है, जिससे वे एक निर्वाचित मुख्यमंत्री को अपनी स्पीच बदलने का हुक्म दे सकें।” त्रिपुरा के सीएम ने कहा कि प्रसार भारती ने खुद भाषण रिकॉर्ड करने का आग्रह मुझसे किया था। 12 तारीख की शाम को यह रिकॉर्ड किया गया। यह तय किया गया था कि 15 अगस्त की सुबह को इसे ऑल इंडिया रेडियो और दूरदर्शन पर प्रसारित किया जाएगा। 14 अगस्त की शाम को उन्होंने एक पत्र भेजा, जिसमें मुझसे मेरे भाषण में बदलाव करने का अनुरोध किया गया था । मैंने इनकार कर दिया। फिर स्पीच को एडिट कर प्रसारित किया गया।
माणिक सरकार ने कहा, “मैंने अपने भाषण में जो प्रश्न उठाए थे, उसे सही और गलत ठहराने वाला प्रसार भारती कौन होता है? वह भाषण बदलने का हुक्म नहीं दे सकता है।” जब सीएम से पूछा गया कि प्रसार भारती ने ऐसा क्यों किया होगा, तब उन्होंने कहा, “मैंने अपने भाषण में साम्प्रदायिकता, असमानता और बेरोजगारी पर सवाल उठाए थे। उन्हें यह अच्छा नहीं लगा। यह ठीक नहीं है। ऐसा इमरजेंसी के समय होता था।”
जब मुख्यमंत्री से पूछा गया कि आगामी त्रिपुरा चुनाव में आपका मुख्य प्रतिद्वंदी कौन है, बीजेपी या टीएमसी, तब वे बोले, ” मेरा कोई प्रतिद्वंदी नहीं है। जनता मेरे साथ है। हमने जनता के साथ कुछ भी गलत नहीं किया है। इसलिए मुझे लगता है कि वे लोग हमारा समर्थन करेंगे।”
इधर प्रसार भारती की तरफ से जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में बताया गया है कि 15 अगस्त 2015 को दूरदर्शन ने सीएम के कार्यक्रम और उसकी रिपोर्ट 29 मिनट और 45 सेकंड तक चलाई। इसमें से सीएम की स्पीच करीब 12 मिनट की थी। यह टेलिकास्ट शाम 7 बजे हुआ।