शिखा पाण्डेय | Navpravah.com
ऐसा माना जाता है कि ईश्वर ने यदि आपको कोई शारीरिक कमी दी है, तो कोई न की ऐसी शक्ति अवश्य दी होगी, जो अन्य साधारण लोगों के पास नहीं है। इसीलिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऐसी दिव्य शक्ति के धनी लोगों को एक नया संबोधन दिया ‘दिव्यांग’। ऐसे दिव्यांगों को स्वावलंबी बनाने की दिशा में विज्ञान व तकनीक हमेशा से प्रयत्नशील रहे हैं।
इसी दिशा में काउंसिल ऑफ साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च (सीएसआईआर) के वैज्ञानिकों ने एक अद्भुत खोज की है। सीएसआईआर ने दृष्टि बाधितों के लिए पढ़ने वाली एक अत्याधुनिक मशीन बनाई है, जिसका नाम ‘दिव्य नयन’ रखा गया है। इस मशीन के जरिए दृष्टिहीन लोग बिना किसी की सहायता के अब फटाफट पढ़ सकेंगे। इस मशीन की कीमत भी बहुत कम रखी गई है, ताकि अधिक से अधिक लोग इसका लाभ ले सकें।
कैसे काम करता है यह यन्त्र-
* ‘दिव्य नयन’ वायरलेस पोर्टेबल डिवाइस है, जिसमें ओपेन सोर्स हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल किया गया है।
* सीएसआईआर के तहत चंडीगढ़ स्थित सेन्ट्रल साइंटिफिक इन्स्ट्रूमेन्ट्स ऑर्गनाइजेशन (सीएसआईओ) के वैज्ञानिकों द्वारा बनाई गई इस मशीन में स्कैनर लगा हुआ है, जो हिन्दी और अंग्रेजी की किसी भी स्क्रिप्ट को पढ़ सकता है और उसे जोर-जोर से बोल सकता है ताकि दृष्टिहीन उसे समझ सकें।
* यह पोर्टेबल डिवाइस किसी भी कंटेंट को स्कैन कर पढ़ने और उसे स्पीच में बदलने की तकनीक पर आधारित है।
* यह उपकरण एक साथ एक से अधिक दस्तावेजों को सहज तरीके से पढ़ सकता है और उसका विश्लेषण भी कर सकता है। सीएसआईओ के प्रधान वैज्ञानिक डॉ. आशीष गौरव ने बताया कि यह डिवाइस शब्द, पेज और पाठ स्तर का नेविगेशन पढ़ने में सक्षम है।
* वाई-फाई और ब्लूटूथ इंटरनेट कनेक्टिविटी से लैस इस मशीन के अंदर 32 जीबी की इंटरनल स्टोरेज कैपसिटी है जो 3 घंटे तक चल सकता है।
* इस मशीन का वजन केवल 410 ग्राम है। इसे किसी कम्प्यूटर मॉनीटर से भी जोड़ा जा सकता है और इसे मिनी कम्प्यूटर के रूप में भी इस्तेमाल किया जा सकता है।
सीएसआईओ के निदेशक डॉ. आर के सिन्हा ने बताया, “यह फास्ट ट्रैक परियोजनाओं में से एक है, जो अनुवाद को एक उत्पाद के तौर पर पेश करता है। इस डिवाइस को हिंदी के अलावा अन्य क्षेत्रीय भाषाओं के लिए भी सक्षम बनाया गया है। हम एक वर्ष के भीतर इस लक्ष्य को हासिल कर लेंगे। हम लोग पाठकों की इच्छा के अनुरूप कोई भी पाठ पढ़ने की गति पर भी काम कर रहे हैं।” उन्होंने बताया कि जल्द ही इस मशीन का व्यापारिक स्तर पर उत्पादन शुरू किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि फिलहाल, यह मशीन सिर्फ हिन्दी और अंग्रेजी कन्टेन्ट ही पढ़ सकती है, लेकिन बहुत जल्द इसे अन्य भारतीय और विदेशी भाषाओं में भी विकसित किया जाएगा।