शिखा पाण्डेय,
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने स्वतंत्र विदर्भ के मुद्दे पर शिवसेना की उठापटक के जवाब में शिवसेना से कहा है कि वे ‘अखंड महाराष्ट्र’ के मुख्यमंत्री हैं। विधानसभा की कार्यवाही के दौरान विवादास्पद ‘पृथक विदर्भ’ का मुद्दा लगातार तीसरे दिन भी छाया रहा। राज्य विधानसभा में ‘पृथक विदर्भ’ के मुद्दे पर फडणवीस ने ये बातें कहीं।
फडणवीस ने कहा, ” जो मुद्दा सदन के समक्ष लंबित ही नहीं है उस पर चर्चा करना मुनासिब नहीं है क्योंकि अब तक राज्य सरकार के समक्ष पृथक विदर्भ का कोई मामला सामने नहीं आया है।” आपको बता दें कि शिवसेना विधायक और मुंबई के पूर्व महापौर सुनील प्रभु ने इस मुद्दे पर फडणवीस को अपना रुख स्पष्ट करने के लिए कहा था। प्रभु ने यह भी मांग की थी कि सदन में जिन लोगों ने पृथक विदर्भ के लिए नारे लगाए, उनके खिलाफ राजद्रोह का मामला दर्ज किया जाए।
फडणवीस ने सदन के सदस्यों से पृथक विदर्भ के मुद्दे पर बहसबाजी रोकने की अपील की और कहा, “राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) को मेरा इस्तीफा मांगने का बिल्कुल हक नहीं है। जनता को यह हक है। मैं हूं अखंड महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री हूँ। मुख्यमंत्री ने कहा, “भाजपा छोटे राज्यों के गठन की पक्षधर है, जबकि शिवसेना इसका विरोध करती है। दोनों पार्टियां सरकार में हैं। लेकिन, यह सरकार का रुख नहीं है।”
दूसरी तरफ विपक्षी कांग्रेस-एनसीपी के विधायकों ने एकीकृत महाराष्ट्र के समर्थन में नारे लगाए। शिवसेना विधायक भी इसमें शरीक हुए। विपक्षी विधायकों ने महाराष्ट्र के विखंडन के विरोध में विधान भवन के प्रवेश की सीढ़ियों पर विरोध प्रदर्शन किया।