शिखा पाण्डेय,
आज 28 नवंबर को केंद्र सरकार के नोटबंदी के फैसले के खिलाफ विपक्षी पार्टियों ने ‘जन आक्रोश दिवस’ के रूप में देशबंद का आह्वान किया है। आज होने वाले इस विरोध प्रदर्शन में बसपा, सपा, तृणमूल कॉंग्रेस, लेफ्ट पार्टियां, सीपीएम और आम आदमी पार्टी शामिल होंगे। जनता दल यूनाइडेट(जदयू) इस विरोध प्रदर्शन में शामिल नहीं होगी क्योंकि जेडीयू नेता और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सरकार के नोटबंदी के फैसले का समर्थन किया है।
तृणमूल कांग्रेस की नेता और बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी नोट बंदी को लेकर रविवार को पीएम मोदी पर जमकर बरसीं। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी का ‘मन की बात’ कार्यक्रम असल में मोदी की बात है और इस तरह पीएम सरकारी संपत्ति का दुरूपयोग कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हम तकनीक और विकास चाहते हैं मगर समाज के एक तबके को वंचित करके या नोटबंदी कर उनके ऊपर अत्याचार करना सरासर गलत है। उन्होंने आरोप लगाया कि पीएम ने भारत की अर्थव्यवस्था को बर्बाद कर दिया है।
इस बीच कांग्रेस का कहना है कि उसने भारत बंद नहीं बुलाया है, मगर सरकार की बदइंतजामी के खिलाफ लोगों के गुस्से को देखते हुए वो इस प्रदर्शन में शामिल होंगे। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा है कि सरकार के नोटबंदी के बाद 9 नवंबर से ही देशभर में बंदी का माहौल है।