नई दिल्ली. सियाचिन में माइनस 26 डिग्री में तैनात भारतीय जवान की मौत हो गई। उत्तराखंड निवासी जवान रमेश बहुगुणा सियाचिन सेक्टर में तैनात थे। बीमार होने के बाद उन्हें चंडीगढ़ के अस्पताल में भर्ती कराया गया था। वह महार रेजिमेंट में अपनी सेवा दे रहे थे। बहुगुणा उत्तराखंड के टिहरी जिले के चंबा क्षेत्र के सबली गांव के रहने वाले थे।
जवान रमेश बहुगुणा के परिजनों का कहना है कि भयंकर ठंड और ऑक्सीजन की कमी के चलते रमेश की तबियत बिगड़ गई थी। 38 साल के जवान के परिवार में उनकी पत्नी और दो बच्चे हैं, जो ऋषिकेश में रहते हैं। बहुगुणा 2002 में सेना में शामिल हुए थे। उनके भाई दिनेश दत्त बहुगुणा ने बताया कि सियाचिन में भयंकर ठंड से उनके भाई की तबीयत बिगड़ गई थी। जवान का अंतिम संस्कार ऋषिकेश में पूर्णानंद घाट पर कर दिया गया। 31 जनवरी को स्वास्थ्य संबंधी शिकायत होने पर बहुगुणा को चंडीगढ़ अस्पताल लाया गया था।
उल्लेखनीय है कि कि दुर्गम इलाका और अधिक ऊंचाई होने की वजह से जम्मू-कश्मीर में स्थित सियाचिन सेक्टर में जवानों की ड्यूटी सबसे कठिन मानी जाती है। बहुगुणा पिछले साल वहां तैनात किए गए थे। यह खबर इस लिहाज से भी चिंताजनक है, क्योंकि हाल ही में संसद में पेश नियंत्रक और लेखा परीक्षक (कैग) की रिपोर्ट में कहा गया है कि सियाचिन और लद्दाख में तैनात सेना के जवानों के पास ठंड झेलने वाले कपड़ों की कमी है।
इसके अलावा उनके पास अन्य उपकरण जैसे स्नो गॉगल्स, बूट, जैकेट और स्लीपिंग बैगों जैसी जरूरी चीजों की भी कमी है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया था कि सियाचिन में तैनात सैनिकों के लिए राशन की भी कमी है। हालांकि सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे का कहना था कि यह रिपोर्ट 2015-16 की स्थिति पर आधारित है और थोड़ी पुरानी है। उन्होंने कहा कि सियाचिन में तैनात हर जवान को व्यक्तिगत रूप से एक लाख रुपए के कपड़े दिए जाते हैं। उन्होंने यह भी कहा था कि 2020 के लिए हम पूरी तरह तैयार हैं।