शिखा पाण्डेय,
पंजाब में अगले साल की शुरुआत में चुनाव होने हैं और राज्य की 32 प्रतिशत जनसंख्या अनुसूचित जाति की है। पंजाब में चुनावी रैलियों के अपने 10 दिवसीय कार्यक्रम के दौरान दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का मुख्य लक्ष्य इस 32 प्रतिशत वोट बैंक को हथियाने का है, जिसके तहत केजरीवाल इस सप्ताह पंजाब में ‘आप’ का ‘दलित घोषणापत्र’ जारी करेंगे।
यह घोषणापत्र पार्टी द्वारा पूरे पंजाब में आयोजित कराए गए ‘दलित संवाद’ की श्रृंखलाओं का परिणाम है। इन संवादों की शुरुआत अगस्त में हुई। केजरीवाल इस समूह विशेष के ‘व्यवस्थागत उत्पीड़न’ को विस्तार से बताते हुए अपनी तरह का यह पहला दस्तावेज जारी करेंगे। आपको बता दें कि वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार, पंजाब में अनुसूचित जाति के लोगों की संख्या 88 लाख है। यह राज्य की कुल जनसंख्या का 32 प्रतिशत है और अन्य सभी राज्यों की तुलना में यह प्रतिशत सबसे ज्यादा है।
आप के राष्ट्रीय संगठन निर्माण के अध्यक्ष दुर्गेश पाठक ने बताया कि यह घोषणापत्र केजरीवाल की यात्रा का प्रमुख बिंदु होगा। इस दौरान वह 21 रैलियों को संबोधित करेंगे। पाठक ने कहा, “राज्य में दलित-बहुल इलाकों में 10-12 संवाद आयोजित किए गए। समुदाय के सदस्यों ने आगे आकर अपने विचारों को उन्मुक्तता के साथ रखा और दस्तावेज में शामिल करने के लिए सुझाव भी दिए।” पाठक ने बताया कि खुले सत्रों के दौरान दलित समुदाय के सदस्यों को एक फॉर्म भी दिया गया था, जिसमें वे अपनी प्रतिक्रिया और सिफारिशें लिख सकते थे। घोषणापत्र बनाते हुए इनका खास ध्यान रखा गया है।