ब्यूरो,
सर्वोच्च न्यायालय ने महाराष्ट्र में कृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर दही हंडी प्रतियोगिता में 18 साल से कम उम्र के युवा हिस्सा नहीं लेने का निर्देश दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने बम्बई उच्च न्यायालय द्वारा निर्धारित ऊंचाई पर भी मुहर लगाते हुए स्पष्ट किया कि दही हंडी के लिए बनाए जाने वाले पिरामिड की उंचाई 20 फुट से ज्यादा की नहीं होनी चाहिए।
न्यायमूर्ति ए आर दवे और न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव की पीठ ने एक याचिका पर नए सिरे से गौर करते हुए बुधवार को यह निर्णय किया। दरअसल कम उम्र के गोविंदाओं को किसी दुर्घटना का सामना न करना पड़े, इसलिए न्यायालय ने यह निर्णय लिया है।
सुनवाई करते हुए न्यायालय ने गोविंदाओं की उम्र जांचने के लिए 15 दिन पहले अनुमति लेने वाले मामले को भी निलंबित कर दिया। सुनवाई के दौरान न्यायमूर्तियों की पीठ प्रतिभागियों की न्यूनतम उम्र और पिरामिड की अधिकतम उंचाई के मुद्दे पर सहमत हो गई।