शिखा पाण्डेय,
अरहर की दाल की कीमतों को नियंत्रित करने की दिशा में भारत एक बड़ा कदम उठाने जा रहा है। अब भारत मोजांबिक से अरहर की दाल आयात करेगा। पीएम मोदी की मोजांबिक की यात्रा से ठीक पहले कैबिनेट ने भारत और मोजांबिक के बीच अगले चार साल में दाल के साझा व्यापार को एक लाख टन से बढ़ाकर दो लाख टन करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।
मोजांबिक में दाल की खूब पैदावार है, लेकिन खपत नहीं है। वहां की दाल का स्वाद और उपज भारतीय दाल के समान होती है। इस नए समझौते के तहत भारत मोजांबिक में दाल का उत्पादन बढ़ाने के लिए वहां की सरकार को तकनीकी और विशेषज्ञ सहायता मुहैया कराएगा। इसके पीछे मुख्य मकसद अंतरराष्ट्रीय दाल बाजार में उथल-पुथल के दौरान भारतीय बाजार में कीमतों को नियंत्रित रखना है। मोजांबिक की जलवायु अरहर दाल के उत्पादन के लिए उपयुक्त है। जानकारी के अनुसार मोजांबिक में काफी जमीन खेती न होने की वजह से परती पड़ी रहती है।
इस फैसले के पीछे दूसरा मुख्य मकसद अंतरराष्ट्रीय दाल बाजार में कालाबाजारी और जमाखोरी से निपटना भी है। बताया जा रहा है कि जैसे ही भारत में दाल की कमी की बात आती है और बाजार में भाव बढ़ने लगते हैं, वैसे ही अंतरराष्ट्रीय बाजार में दाल के व्यापारी कालाबाजारी पर उतारू हो जाते हैं। इस समझौते के तहत मोजांबिक ने भारत को यह गारंटी दी है कि एक साझा तय कीमत पर वह हर साल भारत को दाल का मुहैया कराएगा।
पिछले महीने के आखिरी हफ्ते में उपभोक्ता मंत्रालय के सचिव हेम पाण्डेय की अध्यक्षता में उच्च अधिकारियों का एक दल मोजांबिक गया था और वहां की सरकार के साथ अरहर दाल के आयात को बढ़ाने का प्रस्ताव रखा था। फिलहाल भारत मोजांबिक से हर साल 70000 टन दाल का आयात करता है। नए समझौते के तहत अगले एक साल में भारत मोजांबिक से एक लाख टन तक दाल का आयात करने को तैयार है।
वैसे पिछले महीने भारत द्वारा म्यांमार से भी गुजारिश की गई थी कि भारत म्यांमार सरकार से साल में एक बड़ी मात्रा में दाल की सप्लाई की गारंटी चाहता है, लेकिन म्यांमार सरकार ने अभी तक इस बारे में अपनी रजामंदी नहीं जताई है।
बता दें कि पिछले दो साल में औसतन 17-18 मिलियन टन दाल का उत्पादन रहा है। एक साल में 1.80 करोड़ टन उत्पादन हुआ है। जबकि खपत 22-23 मिलियन टन रही है। 2.20 -2.30 करोड़ टन तक की खपत रही है। यानि पिछले एक साल में 40.50 लाख टन दाल की कमी रही है और इसे पूरा करने के लिए आयात करना पड़ा है।