मेरठ. बरेली में एक 12 साल की दलित बच्ची से गैंगरेप के बाद हत्या के मामले में दोषियों को सजा-ए-मौत हुई। बता दें कि इस मामले की सुनवाई करते हुए विशेष अदालत ने दोनों आरोपितों मुरारीलाल और उमाकांत को फांसी की सजा सुनाई है। विशेष जज सुनील कुमार यादव ने फैसला सुनाते हुए दोनों आरोपियों को दोषी करार दिया था। सजा का ऐलान करते हुए कोर्ट ने कहा कि यह बहुत जघन्य अपराध है।
सरकारी वकील रीतराम राजपूत ने बताया कि नवाबगंज क्षेत्र के एक गांव में 29 जनवरी 2016 को 12 साल की दलित बच्ची खेत पर गई थी। इस दौरान वह काफी देर तक घर नहीं लौटी तो परिवारीजनों ने तलाश की। इस दौरान उन्हें एक खेत में बच्ची का शव बिना कपड़ों के पड़ा मिला था। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में बच्ची के शरीर पर चोटों के 10 निशान पाए गए थे। दरिंदों ने बच्ची के प्राइवेट पार्ट में लकड़ियां भी घुसेड़ दी थीं।
पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की। तत्कालीन इंस्पेक्टर आरके सिंह ने 31 जनवरी 2016 को आरोपित मुरारीलाल को गिरफ्तार कर मामले का खुलासा किया था। पुलिस ने बताया कि मुरारीलाल और उसके साथी उमाकांत ने बच्ची के साथ पहले गैंगरेप किया। लड़की ने अपने मां-बाप से शिकायत करने की धमकी दी तो गला दबाकर उसकी हत्या कर दी।