गठबंधन के पहले ही सीटों को लेकर आमने सामने सपा-कांग्रेस

आँचल जायसवाल | Navpravah.com

यूपी में पहली बार होने जा रहे सपा-कांग्रेस गठबंधन के चलते अमेठी में सपा के कद्दावर मंत्री रहे गायत्री प्रजापति और कांग्रेस की रानी अमिता सिंह आमने सामने आ गए हैं। यूपी विधानसभा चुनाव को लेकर सपा-कांग्रेस में गठबंधन की अभी आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है, लेकिन इसको लेकर यहां दोनों पार्टिया आमने-सामने हो गई हैं।

कैबिनेट मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति ने कहा कि अमेठी लोकसभा की दो सीटों पर पार्टी ने प्रत्याशी लड़ाने का ऐलान किया है, तो पूर्व मंत्री अमिता सिंह ने अमेठी रायबरेली की सभी सीटों पर। इसके चलते अब अमेठी में सपा कांग्रेस नेताओं के बीच वाकयुद्ध तेज हो गया है। सवाल सबसे बड़ा यह भी है कि गठबंधन में कांग्रेस अपने गढ़ अमेठी में गायत्री प्रजापति के लिए सीट छोड़ने पर सहमत होती है या नहीं।

हालांकि समाजवादी पार्टी यह कह सकती है कि गायत्री प्रजापति मौजूदा विधायक हैं, लिहाजा यह सीट उनके लिए छोड़ दी जाए, लेकिन इसके लिए समाजवादी पार्टी को उसी तरह कांग्रेस को मनाना होगा, जैसे वह लखनऊ की जीती हुई कांग्रेस की सीट पर मुलायम सिंह यादव की बहू अर्पणा यादव के लिए सीट छोड़ने को लेकर मनाएगी। अगर ऐसा नहीं हुआ, तो गायत्री प्रजापति मुश्किल मे आ जायेगें।

बुधवार को कैबिनेट मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति समाजवादी पार्टी कार्यालय पर अमेठी व संग्रामपुर के कार्यकर्ताओं के बीच मौजूद रहे। मंत्री ने इस दौरान दावा किया कि कार्यकर्ताओं ने एकजुटता दिखाते हुए उन्हें फिर से विधायक बनाने का संकल्प लिया है। कार्यकर्ताओं से खाली होकर गायत्री प्रसाद मीडिया के सामने आए और कहा मैं अमेठी विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ूंगा। यही नहीं उन्होंने मीडिया के सामने कहा कि वो मुख्यमंत्री और नेता जी के आदेश से प्रचार-प्रसार कर रहा हूं। गायत्री प्रजापति ने कांग्रेस से गठबंधन पर बोलते हुए कहा कि अमेठी और गौरीगंज विधानसभा क्षेत्र से सपा ही चुनाव लड़ेगी।

कांग्रेस की ओर से गायत्री प्रजापति के बयान पर पलटवार हुआ। पूर्व मंत्री रानी अमीता सिंह ने कहा कि गायत्री प्रजापति को अमेठी से चुनाव लड़ने के सम्बन्ध में न तो समाजवादी पार्टी और न ही कांग्रेस पार्टी की ओर से कोई अधिकृत बयान आया है। ऐसे में उन्हें बयानबाजी से बचना चाहिए। यही नहीं उन्होंने कहा कि मंगलवार को प्रशासन द्वारा गायत्री के कई ठिकानों पर हुई छापेमारी से वो घबराए हुए हैं। इसलिए प्रशासन पर दबाव बनाने के लिए वो ऐसा बयान दे रहे हैं।

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