अनुज हनुमत|Navpravah.com
फिलहाल लगातार बीएचयू में बहुत कुछ ठीक नही चल रहा है । पीएम से लेकर सीयम तक सभी विवि की स्थिति पर लगातार निगरानी बनाये हुए हैं । सीएम योगी ने छात्राओं पर हुए लाठीचार्ज की जाँच के आदेश दिए थे जिसके बाद ये बहस तेज हो गई थी की आखिर कमेटी क्या रिपोर्ट सौंपेगी ।
तमाम वाद विवाद के बीच आज वाराणसी के कमिश्नर नितिन गोकर्ण ने बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी (बीएचयू) हिंसा में अपनी प्रारंभिक जांच रिपोर्ट मुख्य सचिव राजिव कुमार को सौंप दी है । सबसे बड़ी बात ये है कि इस रिपोर्ट में उन्होंने हिंसा के लिए बीएचयू प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया है । इसके बाद अब ये प्रश्न उठ रहा है कि क्या बीएचयू के वीसी हटाये जायेंगे !
बहरहाल , वाराणसी के कमिश्नर नितिन गोकर्ण ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि यूनिवर्सिटी प्रशासन ने पीड़िता की शिकायत को नजरंदाज किया और यूनिवर्सिटी प्रशासन ने मामले में न केवल संवेदनहीनता दिखाई बल्कि स्थिति को समय रहते संभालने की कोशिश भी नहीं की गई ।
गौरतलब हो कि इससे पहले सोमवार को काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. गिरीश चन्द्र त्रिपाठी ने विश्वविद्यालय परिसर में छात्राओं पर लाठीचार्ज की घटना का खंडन किया है । प्रो. त्रिपाठी ने कहा है कि किसी भी छात्रा पर लाठीचार्ज नहीं हुआ है. कार्रवाई उन पर की गयी जो विश्वविद्यालय की सम्पत्ति को आग लगा रहे थे, पेट्रोल बम फेक रहे थे, पत्थरबाजी कर रहे थे ।
उन्होंने कहा कि 23 सितम्बर की रात को जब वें छात्राओं से मिलने त्रिवेणी छात्रावास जा रहा थे उस समय अराजक तत्वों ने उन्हे रोककर आगजनी एवं पत्थरबाजी शुरु कर दी, इसी क्रम में कुलपति आवास पर भी पत्थरबाजी कर अराजकता फैलाने का प्रयास किया गया ।
कुलपति ने कहा कि सिंह द्वार पर धरने की आड़ में मदन मोहन मालवीय की प्रतिमा पर कालिख डालने का कुछ अराजक तत्वों ने प्रयास किया है । यह कृत्य राष्ट्र द्रोह से कम नहीं है ।
स्थिति को स्पस्ट करते हुए कुलपति ने कहा था कि पीड़ित छात्रा और उसकी सहेलियों के साथ उन्होनें दो बार मुलाकात की और छात्राओं ने उन्हे बताया था कि धरने का संचालन खतरनाक किस्म के अपरिचित लोग कर रहे है. उन लोगों ने पीड़ित छात्रा समेत उस की सहेलियों को धरना स्थल से उठकर जाने पर भी प्रतिबंध लगा रखा था । एक तरह से पीड़ित छात्रा को धरना स्थल पर बंधक बनाकर जबरन बिठाकर रखा गया । पीड़ित छात्रा ने खुद यह बात उन्हें बतायी और धरना स्थल की बजाय छात्राओं से छात्रावास में चलकर बात करने को कहा । इस पर उन्हें रात में त्रिवेणी महिला छात्रावास जाने का फैसला लिया और गया भी जहाँ उपद्रवी तत्वों ने गेट के बाहर रास्ता जबरन रोक दिया और पत्थरबाजी करने लगे तथा पेट्रोल बम फेकने लगे ।
फिलहाल ये रिपोर्ट सीएम योगी तक पहुंचा दी गई है । अब देखना होगा कि मुख्यमंत्री क्या एक्शन लेते हैं । फ़िलहाल पीएम नरेंद्र और अमित शाह ने मुख्यमंत्री से मामले की रिपोर्ट मांगी है ।