शिखा पाण्डेय | Navpravah.com
‘वो कागज़ की कश्ती, वो बारिश का पानी’ याद दिलाने वाली मशहूर ग़ज़ल गायिका चित्रा सिंह लंबे अरसे बाद गायकी की दुनिया में वापसी करने जा रही हैं। 27 सालों से खामोश हुई उनकी यह सुरीली आवाज़ वाराणसी के संकट मोचन के मंच से दोबारा अपना जादू बिखेरेगी। चित्रा ने 27 वर्ष पूर्व कभी न गाने की घोषणा कर अपने करोड़ों श्रोताओं को निराश कर दिया था, लेकिन अब गायकी में उनकी वापसी उनके श्रोताओं के लिए वाक़ई लाजवाब खबर है।
संकट मोचन मंदिर में 15 से 20 अप्रैल तक संगीत समारोह का आयोजन किया जायेगा। यह आयोजन 11 अप्रैल को हनुमान जयंती के पावन मौके पर शुरू किया जा रहा है। आयोजकों के अनुसार चित्रा सिंह का लंबे समय बाद मंच पर आना एक बहुत बड़ी बात है।
उल्लेखनीय है कि साल 1990 में एक आकस्मिक हादसे में चित्र सिंह और जगजीत सिंह के जवान बेटे की मौत हो गई थी। इस दर्दनाक हादसे के बाद दोनों को गहरा सदमा लगा और जगजीत और चित्रा ने गाना छोड़ दिया। कुछ सालों बाद जगजीत सिंह तो गायकी के क्षेत्र में धीरे-धीरे लौट आये लेकिन चित्रा सिंह ने अपने रिटायरमेंट की घोषणा कर दी थी और यह भी ऐलान किया था कि वो आगे नहीं गायेंगी और न ही किसी गाने की रेकॉर्डिंग करेंगी।
सूत्रों के अनुसार चित्रा सिंह एक बार फिर जगजीत सिंह के लिए भारत रत्न की मांग करने वाली हैं। चित्रा काफी लंबे समय से अपने पति , मशहूर गजल गायक स्वर्गीय जगजीत सिंह के लिए भारत सरकार से भारत रत्न की मांग कर रही हैं, लेकिन अब तक उन्हें सफलता नहीं मिल पाई है।