एनपी न्यूज़ डेस्क | Navpravah.com
आपदा आने के बाद पीड़ित दाने-दाने को मोहताज हो जाते हैं। बाढ़ के समय जो त्रासदी होती है। उसके बाद पीड़ित एक निवाले के लिए भी तरस जाते हैं ऐसे में इस दौरान भेजी जानेे वाली राहत और खाद्य सामग्री ही पीड़ितों के लिए राहत होती है।
लेकिन बिहार में इस बाबत घोर लापरवाही सामने आई है। जिसमें बाढ़ पीड़ितों को मिलने वाला अनाज गोदाम में सड़ रहा है। प्रबंधन की लापरवाही से अनाज पीड़ितों को मिलने के बजाये सड़ रहा है।
बिहार के दरभंगा में बाढ़ पीड़ितों को मिलने वाला अनाज अब चूहे और कीड़ों का निवाला बन रहा है। बाढ़ पीड़ितों के बीच जो अनाज बांटा जाना था उसे पंचायत सामुदायिक भवन में बंद रखा गया है। अनाज को चूहे और कीड़े खा रहे हैं, लेकिन इसकी सुध लेने वाला कोई नहीं है।
अगस्त 2017 में यहां आई प्रलयकारी बाढ़ में कई गांव डूब गए थे, लोग बेघर हो गए और बच्चे अनाज के लिए मोहताज हो गए, सरकार की तरफ से पीड़ितों के लिए मुआवजे और खाने के लिए अनाज देने की घोषणा तो हो गई, लेकिन राहत सामग्री पीड़ितों को मिली या नहीं मिली इससे शासन और प्रशासन बेखबर है।
जो राहत सामग्री पीड़ितों के बीच बंटवानी थी। उसे चूहे और कीड़े खा रहे हैं, सबसे बड़ी बात है कि इस बारे में इसकी जवाबदेही को लेकर अधिकारियों को कोई जानकारी नहीं है। जब ग्रामीणों ने इसके लिए आवाज उठायी तो अधिकारी जागे और जांच का आश्वासन देकर रह गये।
ग्रामीणों का आरोप है कि बाढ़ जैसी त्रासदी में हमलोग निवाले के लिए तरस जाते हैं। लेकिन हमें जो अनाज मिलना चाहिए वह अनाज सड़ रहा है। अब इससे बीमारी भी फैलने की आशंका है।