बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने अपने परीक्षा पैटर्न में एक बहुत बड़ा बदलाव करने का निर्णय लिया है। समिति द्वारा वर्ष 2018 से इंटरमीडिएट परीक्षा के पूरे पैटर्न में बदलाव किया जा रहा है जिसके तहत छात्रों के लिए आर्ट्स, साइंस और कॉमर्स, इन तीन अलग अलग माध्यमों की बाध्यता नहीं होगी। । छात्र कोई भी विषय पढ़ सकेंगे।
यह फैसला शनिवार को हुई बिहार विद्यालय परीक्षा समिति की गवर्निंग बॉडी की महत्वपूर्ण बैठक में लिया गया। इसके मुताबिक वर्ष 2018 से आइए, आइएससी और आइकॉम की जगह अब केवल इंटरमीडिएट की डिग्री मिलेगी। छात्र अपने मन के अनुसार कोई भी विषय पढ़ सकेंगे। इसमें दो विषय भाषा के होंगे एवं तीन सब्जेक्ट के व एक विषय अतिरिक्त रख सकेंगे। यह जानकारी बिहार बोर्ड सूत्रों ने दी है। वर्तमान पैटर्न पर केवल 2017 तक ही परीक्षा होगी। इसके बाद विषयों की बाध्यता खत्म कर दी जाएगी।
इस बैठक में 31 एजेंडों पर मुहर लगाई गई जिसके तहत अब मेट्रिक व इंटर की कॉपी का मूल्यांकन शुल्क भी बढ़ा दिया गया है। हर कॉपी की जांच के बदले 4 रुपये अतिरिक्त मिलेंगे। अब मैट्रिक में 12 की जगह 16 रुपये मिलेंगे।