शिखा पाण्डेय
चीन द्वारा भारत में घुसकर, भारत में ही अपना सस्ता चालू माल बेंचकर, भारत से ही धन कमा कर, भारत का ही विरोध करना अब भारतीयों को कतई गंवारा नहीं है, ये साबित कर रहा है हमारा रंगीला राजस्थान। फैडरेशन ऑफ राजस्थान ट्रेड एंड इंडस्ट्री (फोर्टी) के आकलन के अनुसार चीन में बने उत्पादों का उपयोग नहीं करने को लेकर चल रही जागरूकता मुहिम के चलते जयपुर में चीन निर्मित उत्पादों की बिक्री करीब चालीस प्रतिशत घट गई है।
फोर्टी के प्रदेश अध्यक्ष सुरेश अग्रवाल ने बताया कि उरी हमले के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच जारी तनाव के चलते कई संस्थाएं लोगों से चीन के बने उत्पादों के बहिष्कार करने की अपील कर रही हैं। उनके द्वारा फैलाई गई जागरूकता का असर चीन में निर्मित उत्पादों की बिक्री पर साफ़ नजर आ रहा है। खरीददार चीन में बने उत्पादों का बहिष्कार कर स्वदेशी उत्पाद खरीद रहे हैं।
आपको बता दें कि फोर्टी पिछले कुछ दिनों से चीन में बने उत्पादों की मांग और बिक्री पर करीब से नजर रखे हुए है। उनके आकलन के अनुसार दीपावली के मौके पर चीन में निर्मित सजावटी लाइट और अन्य कई उत्पादों की बिक्री 30 से 40 प्रतिशत तक कम हुई है। चीन निर्मित एलसीडी की मांग दस से पंद्रह प्रतिशत और मोबाइल बिक्री दो प्रतिशत तक कम हुई है।
चीनी उत्पाद का बहिष्कार करने के अभियान से जुड़े पेशे से चार्टेड अकाउंटेंट संदीप गुप्ता ने बताया कि चीन निर्मित उत्पाद सस्ते होते हैं, लेकिन जागरूकता बढ़ने के कारण लोग अब स्वदेशी वस्तुएं खरीद रहे हैं। गुप्ता ने खुद अपनी जीप पर ‘शहीदों को दे दो श्रद्धांजलि, चाईना के सामानों को दो तिलांजलि’ लिखा बैनर लगा रखा है।
सजावटी लाईट्स के कारोबारी श्याम मीणा ने बताया कि सबसे ज्यादा बिकने वाली चीन निर्मित सजावटी प्रकाश बल्बों की बिक्री में भारी गिरावट आई है। जयपुर व्यापार महासंघ के सचिव अजय विजवर्गीय ने भी फोर्टी के आंकलन का समर्थन करते हुए कहा कि उपभोक्ता चीन निर्मित उत्पाद खरीदने के बजाय भारतीय उत्पाद खरीद रहे हैं।