शिखा पाण्डेय | Navpravah.com
एक के बाद एक भारत के प्रतिष्ठित बाबाओं और साध्वियों का कच्चा चिठ्ठा खुलने व उनपर जघन्य अपराध साबित होने से दुःखी योग गुरु बाबा रामदेव ने कहा है कि बाबाओं ने राम का नाम बदनाम कर दिया है। रामदेव ने कहा, “इनके ऐसे कृत्य से हमारी धर्म और संस्कृति की बदनामी होती है। आज जो बाबा शिखर पर हैं, उन्हें अपने आचरण का ध्यान रखना चाहिए।” बाबा रामदेव ने कहा, “मैं भी एक संन्यासी हूं। हजारों सालों की परंपरा का वाहक हूं। हमारा ये गेरुआ वस्त्र महज एक कपड़ा नहीं है। इसमें लोगों की आस्था जुड़ी है।”
बाबा रामदेव ने रविवार को सीएम रघुवर दास से मुलाकात की। मुख्यमंत्री से मिलने के बाद बाबा रामदेव ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि हर दो तीन साल में देश में ‘बाबा कांड’ हो जा रहा है। ऐसे काण्ड देश को बदनाम करते हैं। बाबा ने कहा कि ये उनका सपना था कि झारखंड में योग, उद्योग और शिक्षा के क्षेत्र में वे काम करें। उन्होंने बताया कि अगले साल तक आयुर्वेद, एजुकेशन, योग केंद्र तैयार हो जाएगा।
रविवार को मुख्यमंत्री रघुवर दास से मुलाकात के दौरान बाबा रामदेव ने यह भरोसा दिलाया कि सितंबर में नामकुम में आचार्यकुलम एवं पतंजलि योगपीठ का शिलान्यास करेंगे। ये आचार्यकुलम 15 एकड़ भूमि में स्थापित किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री से भेंट करने से पूर्व एयरपोर्ट पर मीडिया से बातचीत में बाबा रामदेव ने कहा कि बहुत दिनों से यहां शिक्षा संस्थान बनाने का जो सपना था, उसकी शुरुआत सितंबर में हो जाएगी। बाबा ने कहा कि स्वदेशी उद्योग और योग सेवा के साथ यहां शिक्षा की सेवा में भी पंतजलि योगपीठ बड़ी भूमिका निभाएगा। बाबा रामदेव का सपना है कि झारखंड के हर जिले में एक आचार्यकुलम खुले। बता दें कि बाबा रामदेव द्वारा स्थापित होने वाले आचार्यकुलम में पारंपरिक ज्ञान (योग, वेद, उपनिषद् आदि) के साथ आधुनिक ज्ञान का समावेश होगा। बाबा ने बताया कि पतंजलि योगपीठ का भी सितंबर में ही शिलान्यास किया जाएगा।
बाबा रामदेव योगदा सतसंग आश्रम भी गए और वहां स्वामी श्रद्धानंद निगमानंद और निष्ठानंद से भी मुलाकात की। बाबा रामदेव ने कहा कि मैंने योगी कथामृत बचपन में पढ़ी थी। रांची के एक निजी होटल में बाबा रामदेव ने पतंजलि के डीलरों के साथ बैठक की।