शिखा पाण्डेय | Navpravah.com
पिछले 2 महीने से डोकलाम में चल रहे सीमा विवाद के बीच भारत और चीन ने अपनी-अपनी सेना को डोकलाम से पीछे हटने का निर्णय लिया है। सोमवार को विदेश मंत्रालय द्वारा जारी बयान में कहा गया है कि दोनों देशों ने इस मुद्दे पर लगातार बात की और अंततः दोनों देशों ने अपनी सेनाओं को हटाने का निर्णय लिया। दोनों देश की सेना अब धीरे-धीरे अपनी सेना हटाएगी। हालांकि बयान से ये साफ नहीं है कि कौन-से देश की सेना पहले विवादित जगह से हटेगी।
दरअसल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कुछ दिनों के बाद ब्रिक्स समिट में हिस्सा लेने के लिए चीन का दौरा करने वाले हैं। दोनों देश इस प्रयास में थे कि प्रधानमंत्री मोदी के दौरे से पहले ही दोनों देशों के बीच का यह विवाद सुलझ जाये। विदेश मंत्रालय के अनुसार विवाद के बाद भी पिछले कई दिनों से दोनों देशों के बीच इस मुद्दे को सुलझाने पर बात चल रही थी।
आपको बता दें कि डोकलाम में भारत और चीनी की सेना दो महीने से भी ज्यादा समय से आमने-सामने हैं। डोकलाम इलाके को भूटान अपना मानता है, लेकिन चीन का दावा है कि यह उसके क्षेत्र में आता है। भारत और चीन के बीच यह विवाद तब से शुरू हुआ है जब से इस इलाके में चीनी सेना द्वारा किए जाने वाले सड़क निर्माण कार्य को भारतीय सैनिकों ने रोक दिया है। भारत की चिंता यह है कि अगर चीन डोकलाम में सड़क बनाने में कामयाब रहता है तो उसके लिए कभी भी उत्तर-पूर्व के हिस्से तक शेष भारत की पहुंच को रोक देना आसान हो जाएगा।