अनुज हनुमत,
राजनीति में कब क्या घटित हो जाये कुछ कहा नहीं जा सकता, लेकिन जो सियासी घटनाक्रम मौजूदा समय में समाजवादी पार्टी में चल रहा है, ऐसा बहुत कम ही देखने को मिलता है। आज लखनऊ के जनेश्वर मिश्र पार्क में चल रहे राष्ट्रीय अधिवेशन में रामगोपाल यादव ने अखिलेश यादव को राष्ट्रीय अध्यक्ष घोषित करते हुए बड़ा सियासी तीर चला दिया है।
रामगोपाल यादव पार्टी नेताओं को सम्बोधित करते हुए मांग की कि सपा के प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव को पार्टी से हटा दिया जाए और अमर सिंह को सपा से बर्खास्त कर दिया जाए। आपको बता दें कि , राष्ट्रीय अध्यक्ष चुने जाने के बाद अखिलेश यादव ने कहा कि हमारे लिए नेताजी का स्थान सबसे ऊंचा और महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि अगर नेताजी के खिलाफ कोई साजिश हो तो उनका बेटा होने के नाते मेरा फर्ज है कि मैं साजिश को सामने लाऊं।
हालाँकि सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव ने इस अधिवेशन को असंवैधानिक करार दे दिया है और कहा कि वह पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं, उनके पास ये अधिकार हैं। उन्होंने कहा है कि जो भी इस अधिवेशन में शामिल हो वे उसके खिलाफ कार्रवाई करेंगे। मुलायम ने चिट्ठी जारी कर ये बातें कही हैं।
आपको बता दें आज सुबह ही समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल यादव ने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव से मिलने उनके घर पहुंचे। सूत्रों के मुताबिक यहां पर शिवपाल ने मुलायम से अपने पद से इस्तीफे की पेशकश की है। शिवपाल यादव ने कहा कि अगर यूपी अध्यक्ष पद से उनका इस्तीफा लेने के बाद झगड़ा खत्म हो तो उनका इस्तीफा ले लिया जाए। इसके अलावा खबर है कि मुलायम आज संसदीय कमेटी की बैठक बुला सकते हैं।
दरअसल, परसों देर शाम सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव ने प्रेस कांफ्रेंस करते हुए राष्ट्रीय महासचिव रामगोपाल यादव और अखिलेश यादव को 6 साल के लिए पार्टी से निकाल दिया था, लेकिन अगले दिन प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल यादव ने पत्रकारों से वार्ता करके सूचना दी कि सपा सुप्रीमों ने अपना फैसला वापस ले लिया है और हम सब बैठकर बात करेंगे। लेकिन आज सुबह रामगोपाल यादव द्वारा राष्ट्रीय अधिवेशन में अखिलेश यादव को उपस्थित कार्यकर्ताओं की सर्वसम्मति से राष्ट्रीय अध्यक्ष घोषित करके फिर से पार्टी में चल रहे सियासी दंगल को हवा दे दी है । अब देखना होगा कि मुलायम सिंह यादव क्या रणनीति अपनाते हैं।