कोमल झा| Navpravah.com
डेरा प्रमुख राम रहीम की सच्चाई का सामने आने के बाद एक-एक करके सारे बाबाओं की पोल खुलकर सबके सामने आ रही है. देश में एक के बाद एक बाबाओं को लेकर हो रहे विवादों के बाद अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने इस पर एक्शन का मन बनाते हुए फर्जी बाबाओं की लिस्ट जारी की है.
ये मीटिंग इलाहाबाद में सुबह 11 बजे हुई. अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरी ने ऐसे बाबाओं की लिस्ट जारी की, जो धर्म के नाम पर फर्जी तरीके से लोगों को गुमराह कर रहे हैं. गौरतलब है कि आसाराम, रामपाल और अभी हाल ही में राम रहीम के बाद संतों के नाम की बहुत किरकिरी हुई है. इसलिए ऐसे ही कुछ बाबाओं की लिस्ट जारी की गई है, जो काफी समय से विवादों में हैं.
ये हैं 14 फर्जी बाबा
1. आसाराम बापू उर्फ आशुमल शिरमलानी
2. सुखबिंदर कौर उर्फ राधे मां
3. सच्चिदानंद गिरि उर्फ सचिन दत्ता
4. गुरमीत राम रहीम सिंह
5. ओमबाबा उर्फ विवेकानंद झा
6. निर्मल बाबा उर्फ निर्मलजीत सिंह
7. इच्छाधारी भीमानंद उर्फ शिवमूर्ति द्विवेदी
8. स्वामी असीमानंद
9. ओम नमः शिवाय बाबा
10. नारायण साईं
11. रामपाल
12. आचार्य कुशमुनि
13.वृहस्पति गिरी
14.मलखान सिंह
विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के संयुक्त महासचिव सुरेंद्र जैन ने कहा कि संतों के बीच यह भावना है कि एक या दो धार्मिक नेताओं के गलत कामों की वजह से पूरे समुदाय की छवि को गलत तरीके से दिखाया जा रहा है. विहिप, अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के साथ मिलकर काम करता है. जैन ने कहा, ‘‘अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद का मानना है कि ‘संत’ की उपाधि का गलत इस्तेमाल किया जा रहा है इसलिए परिषद ने यह उपाधि देने के लिए एक प्रक्रिया तय करने का फैसला किया है.’’अब से किसी व्यक्ति की पड़ताल करने और उसका आकलन करने के बाद ही यह उपाधि प्रदान की जाएगी. उन्होंने कहा, ‘यह उपाधि देने से पहले अखाड़ा परिषद यह भी देखेगी कि व्यक्ति की जीवनशैली किस तरह की है.’ अखाड़ा परिषद के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने कहा कि उन्होंने यह फैसला लिया है कि एक संत के पास नकदी या उसके नाम पर कोई संपत्ति नहीं होगी.
आप को बता दे, इस बैठक से पहले ही परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि को जान से मारने की धमकी मिली. अखाड़ा परिषद की बैठक से एक दिन पहले गिरि ने फोन पर खुद को जान से मारे जाने की मिल रही धमकी के बारे में बताया. इस संबंध में उन्होंने दारागंज थाने में अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है.
बताया जा रहा है कि अखाड़ा परिषद की बैठक में फर्जी बाबाओं की लिस्ट जारी करने के बाद इसे सरकार को सौंपा जाएगा. ऐसा इसलिए ताकि उन बाबाओं के खिलाफ एक्शन लिया जा सके, जो गलत तरीके से आस्था से खिलवाड़ कर रहे हैं.