शिखा पाण्डेय । Navpravah.com
आप यदि एयर इंडिया से अक्सर सफर करते हैं और आप नॉन वेजीटेरियन यानि मांसाहारी हैं, तो आपके लिए एक बुरी खबर है। अब आपको एयर इंडिया की फ्लाइट्स से यात्रा के दौरान नॉन वेज मील नहीं मिलेगा। आपको शाकाहारी भोजन ही खाना होगा। इसका कारण मांसाहार का बॉयकॉट नहीं है, या शाकाहार को बढ़ावा देना नहीं है, बल्कि एयर इंडिया की अपनी मजबूरी है।
एयर इंडिया में विनिवेश को लेकर मंगलवार को संसद की विशेष समिति की बैठक हुई। बैठक में क्या फैसला हुआ यह तो खुलासा नहीं हो सका लेकिन इतना जरूर पता चला है कि करीब 52 हजार करोड़ रुपये के कर्ज के तले दबी एयर इंडिया पाई-पाई बचाकर कर्ज का बोझ कम करने में जुट गई है। एयर इंडिया ने इसके लिए अपने यात्रियों को परोसे जाने वाले भोजन में बदलाव करते हुए अब केवल शाकाहारी भोजन परोसने के फैसला लिया है।
संसद को मंगलवार को बताया गया कि राष्ट्रीय एयरलाइन एयर इंडिया घरेलू उड़ानों में मांसाहारी भोजन न परोसने के अपने फैसले से हर साल आठ से 10 करोड़ रुपये बचा सकेगी। केंद्रीय नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री जयंत सिन्हा ने राज्यसभा में एक लिखित जवाब में कहा, “एयर इंडिया ने अपनी घरेलू उड़ानों के केवल इकॉनमी क्लास में मांसाहारी भोजन नहीं परोसने का फैसला किया है। इसका मकसद लागत को कम करना, अपव्यय को कम करना और सेवा को बेहतर बनाने के साथ-साथ भोजन में घालमेल की संभावनाओं से बचना है।”
सिन्हा ने कहा कि व्यंजन सूची व भोजन सारणी (मील शेड्यूल) में बदलाव, ड्राई स्टोर का बेहतर प्रबंध और मौजूदा रुझान के हिसाब से सहायक चीजों को खर्च में कमी के लिए चुना गया है। इससे एयर इंडिया सालाना 20 करोड़ रुपये बचा सकेगी।