अक्षय कुमार ने कहा टॉयलेट एक प्रेम कथा मोबाइल थियेटर्स में भी जा सके!

कोमल झा| Navpravah.com
बॉलीवुड खिलाड़ी अक्षय कुमार की आने वाली फिल्म ‘टॉयलेट एक प्रेम कथा’ एक महत्वपूर्ण सामाजिक मुद्दे और ‘स्वच्छ भारत अभियान’ पर आधारित है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इस अभियान को सब लोगों तक पहुंचाना चाहते हैं. इस विषय पर अक्षय कुमार को उम्मीद है कि इससे लोगों की सोच में बदलाव आएगा और लोग इस विषय पर भी चर्चा करेंगे.
अक्षय कुमार ने इंटरव्यू के दौरान कहा कि, ”शौचालय के बारे में बात करना भारत में आज भी प्रतिबंधित माना जाता है. ये फिल्म लोगों की सोच पे है कि घरो में शौचालय होना कितना ज़रूरी है अपने देश में 54% लोगो के पास टॉयलेट नहीं है सब से ज्यादा दुःख वाली बात यह है कि औरतो पे ज्यादा असर पड़ता है कि गाँवो में औरतो को सूरज निकलने से पहले तीन- तीन किलोमीटर तक चल कर जाना पड़ता है. फिर दूसरी बार  टॉयलेट जाना हो तो उनको सारा दिन रोक कर रखना पड़ता है.  सूरज ढलने का इंतज़ार करना पड़ता है सब से ज्यादा ख़राब बात यह है कि लोग औरतों की वीडियो और फोटो लेते है और न जाने कितने रेप केसेस होते है.
अक्षय  कुमार ने कहा जब मैंने देखा की औरते सर से निचे घुंगट करती है. फिर उनसे पूछा तो कहा की निजी इज्ज़त है हमे कहा गया है कि घुंगट ओढ़ो फिर वही लोग उन औरते को बोलते है खेतो में जाओ साड़ी उठा लो बड़ा अजीव सा माहौल है. वैसे में बताऊ तो काफी कुछ बदलना शुरू हुआ है. पहले इंडिया में 63% लोगो के पास शौचालय नहीं था और आज 54% लोगो के पास टॉयलेट नहीं है. और लोग ये मूवी देख कर अपने जीवन में शायद कुछ और बदलाव ला सके. सब से ज्यादा ओरतो  को समस्या होती है. मर्द का क्या वो तो कही भी खड़े हो कर कर लेते है. लेकिन ओरतो का क्या,  जब कि मर्द भी जो करते है गलत है ऐसा नहीं करना चाहिए. मैंने तो कितने सारे टॉयलेट देखे है. जो सरकार ने बना कर दिए है पर किसी ने वहा इस्री की दूकान खोल ली , किसी ने रेंट पे दे दिया है ,  तो किसी ने भेड़ बकरिया बांध दी ये सब नहीं करना चाहिए आज के लोग समझदार है.
टॉयलेट की समस्या को जड़ से हटाने में वक़्त तो जायेगा पर  सरकार पूरा प्रयाश कर रही है. इसके लिए धैर्य रखने की ज़रूरत है ये मूवी बस एक छोटा सा प्रयाश है और अक्षय ने कहा ऐसा हो तो कितना अच्छा होगा की लोग बस अपने बिल्डिंग के दस मीटर तक भी साफ़ रखे. अगर बिल्डिंग के दस मीटर के इर्द गिर्द कोई गंदिगी हो तो में खुद ही उठा लू  BMC की गाड़ी का इंतज़ार न करू जैसे लोग अपने घरो को साफ़ रखते है. वैसे बस अपने बिल्डिंग के दस मीटर तक भी साफ़ रखे तो न BMC की ज़रूरत पड़ेगी न किसी की. बस लोग अपने अंदर ये विचार बना ले तो बहुत कुछ ठीक हो सकता है.
अक्षय कुमार से इंटरव्यू में पूछा गया कि टॉयलेट एक प्रेमकथा मूवी कॉपी है. तो अक्षय ने कहा ये फिल्म कॉपी नहीं है. ये झूठ है ये फिल्म करीबन नौ – दस औरते की कहानियों से ले के बनाया गया है. ऐसी घटनाये कुछ बिहार में कुछ यु.पी और कुछ राजस्थान में हुई है अगर आप गूगल करोगे तो ऐसी कई कहानी मिलेंगी, तो ये फिल्म किसी भी फिल्म की कॉपी नहीं है.
अक्षय कुमार  ने इंटरव्यू के दौरान यह भी कहा की  देश में 91 प्रतिशत औरते sanitary pads  नहीं ले पाती है. क्यों की वो अफ़्फोर्ड नहीं कर पाती ये तो open defecation से भी गई गुजरी बात है. पीरियड भी ओरतो मे नेचुरल है टॉयलेट भी तो क्यों आज भी कई जगह लोग जब ओरतो को पीरियड होता हैं. तो बोलते है उनको एक जगह बहार बिठा दो कही जाने मत दो और पता नहीं क्या क्या इस्तेमाल करते है तो ये बहुत ही दुःख की बात है.
अक्षय कुमार ने इंटरव्यू के दौरान यह भी कहा इस फिल्म की रिलीज पर काफी काम किया जा रहा है. हम चाहते हैं कि ज्यादा से ज्यादा लोगों तक यह बात पहुंच सके. इस बारे में दूरदर्शन से बात किया जा रहा है.. हमने स्वच्छता मंत्रालय से भी बात की है. साथ ही सरपंचों, कलेक्टरों को भी फिल्म दिखाने का प्लान है. यहां तक बात हो रही है कि मोबाइल थियेटर्स में भी फिल्म जा सके. मोबाइल थियेटर्स वो होते हैं जो गांव गांव में जाकर फिल्म दिखाते हैं.
फिल्म के कर रहित होने के बारे में पूछे जाने पर अक्षय ने कहा, “अब तक इस बारे में कोई पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन हां, अगर मूवी टैक्स फ्री होती है तो अच्छी बात है. अगर नहीं होती है तो भी अच्छी बात है समस्या ये नहीं हैं समस्या ये है जो मैंने एक जरिया ढूंढा हैं. कि लोगो को डॉक्यूमेंट्री मूवी देखने मे मज़ा नहीं आता है. बोलते है बैठ के सिखाओ मत कुछ गाने साने दिखाओ कुछ मज़े सहजे दिखाओ. उसके अंडर जो एक छोटी सी बात केहनी वो छोड़ देना. वो हमारे ऊपर है लेना नहीं देना वो उनको समझ मे आती है. तो मैं उन लोगो से अपील करूँगा की ये फिल्म देखे इस फिल्म हसी मज़ाक के साथ हमने एक संदेश देने का भी प्रयाश किया है.

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