पीयूष चिलवाल | Navpravah.com
“अपना काम बनता भाड़ में जाए जनता” की विचारधारा को अपनाने वाले नेता मंत्री बनते ही सरकारी माल दबोचने की ज़ोर आजमाइश में लग जाते हैं। सरकारी संपती को हड़पने के लिए नेतागण हर पैंतरा आजमाते हैं और मंत्री बनते ही उनकी चांदी हो जाती है।
फायनेंशियलएक्सप्रेस.कॉम में प्रकाशित खबर के अनुसार एक आरटीआई में खुलासा हुआ है छत्तीसगढ़ के कद्दावर मंत्री बृजमोहन अग्रवाल का जो इन दिनों फिर से विवाद में हैं।
खबर के मुताबिक़ मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने वन विभाग की 175 एकड सरकारी जमीन की फर्जी रजिस्ट्री अपनी पत्नी के नाम करवाकर वहां रिजॉर्ट बनवा दिया। साथ ही सरकारी जमीन हड़पने के साथ ही मंत्री ने एक और घोटाले को अंजाम देते हुए रिजॉर्ट के अंदर मनरेगा के पैसों से सड़क का निर्माण करवा लिया है। क्षेत्र के किसानों को पानी पहुंचाने के लिए रिजॉर्ट के अंदर एक डैम बना है, उसपर भी मंत्री जी ने ही कब्जा कर जिसका इस्तेमाल वे रिजॉर्ट की बागवानी में करते हैं।
वर्ष 2016 में पीएमओ ने जांच के आदेश जारी किए थे लेकिन अब तक मंत्री पर कोई कार्यवाई नहीं हुई है।