सिंहस्थ कुंभ में जाने की अनुमति न मिलने से साध्वी प्रज्ञा बैठीं आमरण अनशन पर

ब्यूरो

मध्यप्रदेश सरकार द्वारा साध्वी प्रज्ञा ठाकुर के सिंहस्थ जाने की अर्जी ठुकरा देने के बाद साध्वी प्रज्ञा अपनी चेतावनी के अनुसार आमरण अनशन पर बैठ चुकी हैं।

भोपाल के पंडित खुशीलाल शर्मा आयुर्वेदिक संस्थान में अपना इलाज करा रही साध्वी प्रज्ञा ठाकुर ने सिंहस्थ कुंभ में जाने की अनुमति न देने पर शिवराज सरकार को आमरण अनशन की चेतावनी दी थी। प्रज्ञा ठाकुर ने अपने पत्र में लिखा था कि यदि सोमवार 9 बजे तक उन्हे सिंहस्थ में जाने की अनुमति नहीं दी गई तो वे 10 बजे से आमरण अनशन पर बैठ जाएंगी। प्रज्ञा ठाकुर ने आगे लिखा था कि इसके बाद वह कुंभ खत्म होने पर अपनी देह त्याग देंगी और समाधि ले लेंगी।

प्रज्ञा ठाकुर के वकील ने जेल अधीक्षक को यह पत्र दिया था जिसकी कॉपी राष्ट्रपतिप्रधानमंत्रीमुख्यमंत्रीगृहमंत्रीउच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीशमानव अधिकार आयोगमहिला आयोग को भेजी गई थी। पत्र में कहा गया था कि जब कोर्ट ने कुंभ स्नान की अनुमति दे दी है तो फिर क्यों सरकार उन्हें जाने से रोक रही हैप्रज्ञा ठाकुर ने लिखा था कि वो कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से जूझ रहीं है और शायद अगला कुंभ न देख पाएं इसलिए उनकी अंतिम इच्छा है कि वे उज्जैन कुंभ में जाएं और अपने गुरू आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंदगिरी जी महाराज से आशीर्वाद लें।

उन्होंने लिखा था,” मैं अन्न जल त्याग दूंगी और मुझे कुछ होता है तो इसकी पूरी जिम्मेदारी मध्य प्रदेश सरकार की होगी।उन्होंने अपनी सुरक्षा को लेकर भी चिंता जाहिर की थी। उन्होंने लिखा था,” मेरे साथ पहले एसएएफ का बल रहता था लेकिन वो भी हटा दिया गया है एैसे में उनकी जान को खतरा है।प्रज्ञा ठाकुर ने जेड प्लस सुरक्षा की मांग की थी और पूछा था कि जब देवास जिला कोर्ट ने उज्जैन जाने की अनुमति दे दी है तो फिर सुरक्षा का हवाला देकर सरकार कोर्ट की अवमानना क्यों कर रही है?

साध्वी प्रज्ञा ठाकुर की चिट्ठी जेल अधीक्षक तक भगवान झा लेकर पहुंचे थे। साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने अपनी चिट्ठी में अपने जीवित समाधि का समय भी तय कर दिया है। उन्होंने पत्र में लिखा था कि अगर सरकार ने उन्हें सिंहस्थ में शामिल नहीं होने दिया तो वह 21 मई 2016 को रात आठ बजे जीवित समाधि ले लेंगी।

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