इंद्रकुमार विश्वकर्मा @ नवप्रवाह.कॉम
1993 में हुए मुंबई बम धमाकों के दोषी पाए गए एकमात्र दोषी याकूब मेमन को आज सुबह फांसी दे दी गई । बुधवार को तेजी से हुए घटनाक्रमों के एक दिन बाद उच्चतम न्यायालय का फैसला आया जब शीर्ष अदालत ने मौत के फरमान को बरकरार रखा और राष्ट्रपति ने सरकार की सलाह पर रात 11 बजे से थोड़ी देर पहले याकूब की दया याचिका को खारिज कर दिया।
गुरुवार सुबह 6 बजे कर 30 मिनट पर उसे नागपुर केंद्रीय जेल में फांसी दे दी गई। याकूब की फांसी के वक्त 8 से 10 लोग मौजूद थे। फांसी के दौरान जेल आईजी, जेलर, मजिस्ट्रेट, डॉक्टर, जल्लाद के अलावा दो गवाह, दो कांस्टेबल वहां मौजूद थे। फांसी से पहले सुबह नहाने के बाद याकूब को नए कपड़े पहनाए गए। याकूब ने कोई भी आखिरी ख्वाहिश नहीं जाहिर की। याकूब ने आखिरी नमाज पढ़ी। फांसी के पश्चात डॉक्टरों ने उसकी मौत की पुष्टि की। याकूब मेमन के भाई उसका शव लेने के लिए नागपुर जेल पहुंचे थे। उनको याकूब का शव दे दिया गया है।
नागपुर की सेंट्रल जेल के इतिहास में करीब तीस वर्ष बाद किसी को फांसी दी गई। मुंबई बम धमाके का आरोपी याकूब मेमन देश में फांसी की सजा पाने वाला 57 वां दोषी है।