कोमल झा । Navpravah.com
नाडियाड शहर में एक सात साल की मासूम बच्ची का अपहरण कर बेरहमी से हत्या करने का दर्दनाक मामला सामने आया है। फिरौती की रकम 25 लाख रुपये मिलने से पहले ही अपहरण की खबर सोशल मीडिया में वायरल हो गई। इससे अपहरणकर्ता नाराज हो गए और फिरौती की रकम मांगने से पहले ही बच्ची की हत्या कर दी। मृतक बच्ची पिछले 18 सितंबर से लापता थी।
पुलिस ने इस मामले में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के युवा मोर्चा का सक्रिय सदस्य मीत पटेल (22) सहित तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है, दो आरोपी नाबालिक बताए जा रहे हैं। पुलिस ने इन तीनों दरिंदों को शुक्रवार (22 सितंबर) को गिरफ्तार किया है। रिपोर्ट के मुताबिक, सात साल की मासूम का नाम तान्या था। कुछ दिनों पहले ही मासूम बच्ची ने नडियाद में अपना जन्मदिन मनाया था।
एसपी पवार के अनुसार आरोपी और पीड़िता दोनों नाडियाड की लक्ष्य सोसायटी में एक दूसरे के पड़ोसी है। आरोपी मीत पटेल अपने एक दोस्त की मदद से तान्या को बहलाकर कार में लेकर फरार हो गया। अपहरण सोमवार (18 सितंबर) सुबह करीब 7:45 बजे किया गया। अपहरण में दो अन्य लोग भी शामिल थे जो घटनास्थल से थोड़ी दूरी पर अन्य कार में थे। बाद में बच्ची को आइस्क्रीम खिलाई। वहीं बच्ची के सोने के बाद उसका गला दवा कर मार दिया और हैवानों ने मासूम के हाथ-पैर तक काट डाले फिर माही नदी में फेंक दिया। दिलचस्प बात ये है कि आरोपी घटना को अंजाम देने के बाद उसे खोजने का नाटक भी करने लगे। घटना को अंजाम देने के बाद बाद आरोपी घर वापस आए और तान्या को खोजने का नाटक करने लगे। आरोपी घटना के कई दिनों तक बच्ची को खोजने का नाटक करते रहे।
सूत्रों के मुताबिक, गिरफ्तारी के बाद बीजेपी नेता सहित तीनों हैवानों के अपना जुर्म कबूल कर लिया है। पुलिस ने मासूम का शव नदी के पास से बरामद कर लिया है। 12वीं में पढ़ते हैं दोनों नाबालिक आरोपी बीजेपी युवा नेता मीत पटेल पर पहले से ही कई मामले दर्ज हैं।
दो अन्य आरोपी नाबालिग हैं, जो एक किराए के घर में रहते हैं और अभी कक्षा 12 में पढ़ाई करते हैं। बीजेपी नेता ने इन दोनों नाबालिक आरोपियों को पैसे का लालच देकर तान्या का अपहरण किया था। सभी आरोपियों के खिलाफ सोमवार रात आईपीसी की धारा 363 (अपहरण) के तहत मामला दर्ज कर किया गया। जबकि शुक्रवार (21 सितंबर) को आईपीसी की धारा 302 (हत्या), 364 (a) (फिरौती के लिए अपहरण), 120 (b) (आपराधिक षडयंत्र) और 201 के तहत भी मामला दर्ज किया गया है। बता दें कि गुजरात में इसी साल विधानसभा चुनाव होने हैं, जिसमें विपक्षी पार्टियां इस मुद्दे को हथियार के तौर पर इस्तेमाल कर सकती हैं।