केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि ऋण न चुकाने वाले (डिफाउल्टर) हर किसी पर चोर का तमगा नहीं मढ़ा जाना चाहिए।उन्होंने यह बयान विजय माल्या के डिफाल्ट पर हो रही न्यायिक प्रक्रिया के विषय में दिया है। इस बयान के कई अलग अलग मायने निकाले जा रहे हैं।
सड़क परिवहन, राजमार्ग और जहाजरानी मंत्री नितिन गडकरी ने एक निजी समाचार चैनल को दिए साक्षात्कार में कहा कि विजय माल्या के डिफाल्ट पर न्यायिक प्रक्रिया जारी है। जो भी सही होगा, वह कदम उठाया जाएगा।
उन्होंने कहा कि पहले माल्या की कंपनी बैंकों को नियमित रूप से ब्याज देती थी। उस समय लोग कंपनी को अच्छी रेटिंग दे रहे थे। सलाहकारों को अच्छा समझा जा रहा था। उनके प्रबंधकों को अच्छा समझा जा रहा था। जब एक कंपनी समस्याओं में घिर जाती है, तो सभी को चोर का तमगा दिया जाने लगता है। उन्होंने कहा कि सरकार कानून के मुताबिक कदम उठा रही है। गडकरी ने कहा कि जब वैश्विक स्तर पर और खासकर चीन की अर्थव्यवस्था में सुस्ती है, तो भारत में अधिकतर उद्योगों का प्रदर्शन अच्छा नहीं है। सरकार के हस्तक्षेप से हालांकि अवसंरचना, इस्पात और सीमेंट उद्योग में मदद मिली है।
उन्होंने कहा, “हम मानते हैं कि हर चीज अच्छी स्थिति में नहीं है, परन्तु हम स्थिति को सुधारने की कोशिश कर रहे हैं। हम हर डिफाल्टर को चोर नहीं कह सकते। हमें यह देखना होगा कि इसके पीछे नीयत सही थी या बुरी।“ उन्होंने कहा कि कुल मिलाकर एक सकारात्मक, विकासपरक रुख अपनाना ज़रूरी है। जिनकी नीयत बुरी नहीं है, उनकी मदद की जानी चाहिए और बुरी नीयत से ऋण वापस नहीं करने वालों के विरुद्ध कार्रवाई की जानी चाहिए।