ब्यूरो
गुरूवार को प्रकृति के तांडव ने आस्था के महासंगम सिंहस्थ में 7 लोगों को मौत के घाट उतार दिया. भारी तबाही में 100 से ज्यादा लोगों के घायल होने की खबर है. उज्जैन स्थित सिंहस्थ मेला क्षेत्र में सैकड़ों पंडाल धराशायी हो गए. पेड़ जड़ से उखड़ गए. घटना के तत्काल बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपने बाकी के दौरे रद्द कर उज्जैन जाने का फैसला किया.
मृतकों के परिवारों को 5 लाख रुपये बतौर मुआवजा और गंभीर रूप से घायल लोगों को 50 हजार, सामान्य रूप से घायलों को 25 हजार के मुआवजे की राशि घोषित की गई है. घायलों का इलाज सरकारी खर्चे पर होगा. उधर पीएम नरेंद्र मोदी ने ट्विटर के माध्यम से इस दुर्घटना के प्रति दुःख प्रकट किया है और मृतकों को श्रधांजलि दी.
वहीँ आरोप लगाए जा रहे हैं कि बारिश और आंधी की तमाम चेतावनियों के बावजूद शासन की ओर से कोताही बरती गई और इस सम्बन्ध में पाहे से किसी भी प्रकार की सुरक्षा के इन्तेजाम नहीं किये गए. अचानक वर्षा शुरू हुई और 50 घंटे प्रति किमी की रफ़्तार से तेज हवा चलने लगी. बिजली व्यवस्था बाधित हो गई. पंडालों से साधू संत जन बाहर आ गए. भगदड़ की स्थिति उत्पन्न होने लगी. घाटों में सीवरेज ओवरफ्लो के कारण नालों का पानी शिप्रा में मिलने लगा.
शुक्रवार को घटना के बाद भी आस्था ने अपना संबल नहीं छोड़ा और श्रद्धालु शिप्रा स्नान को पूरी श्रद्धा के साथ पहुँचने लगे.