शिखा पाण्डेय | Navpravah.com
पंजाबी गानों और गायकों ने तो अब तक देश-विदेश में धूम मचाई ही थी, अब एक दमदार पंजाबी फिल्म भी वर्ल्डवाइड अपना जलवा बिखेरने जा रही है और खासकर जब ब्यूटी क्वीन प्रियंका चोपड़ा का नाम फिल्म से जुड़ जाये, तो भाई वाह! फिर क्या कहना! जी हां! विश्व स्तर पर अपना जादू बिखेरने जा रही यह पंजाबी फिल्म है ‘सरवन’।
निर्देशक करण गुलानी की फिल्म ‘सरवन’ 30 अप्रैल से 7 मई को होने वाले न्यू यॉर्क फिल्म फेस्टिवल में स्क्रीन होने वाली है। फिल्म का निर्माण प्रियंका चोपड़ा ने किया है।
यह पहली बार होगा, जब पंजाबी भाषा में बनी कोई फिल्म इस मुकाम तक पहुंची है।
फिल्म की इस अद्भुत सफलता को मात्र एक अनोखा संयोग मानते हुए करण ने बताया कि वे एक हिंदी फिल्म में प्रियंका को कास्ट करना चाहते थे और उसी सिलसिले में प्रियंका से मिलने गए थे। उस वक्त प्रियंका ने उन्हें बताया कि अभी वे अपने हॉलीवुड के प्रोजेक्ट्स में व्यस्त हैं, वे यह फिल्म नहीं कर सकतीं। करण के लिए जवाब निराशाजनक था, लेकिन संयोग यह रहा कि प्रियंका ने करण से यह पूछ लिया कि वे अब आगे किस प्रोजेक्ट पर काम करने वाले हैं। करण ने उनसे अपनी इस पंजाबी फिल्म के बारे में बताया। प्रियंका को फिल्म की कहानी इतनी पसंद आ गई कि उन्होंने तुरंत यह फिल्म करने का निर्णय लिया और उसी दिन उन्होंने साइनिंग अमाउंट भी करण को दे दिया। करण ने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि प्रियंका इस फिल्म से जुड़ेंगी, या आगे चलकर फिल्म को ऐसी कामयाबी मिलेगी।
करण ने फिल्म की भूमिका स्पष्ट करते हुए बताया कि इस फिल्म की कहानी ड्रग्स पर आधारित नहीं है, बस बैकड्रॉप ही है। फिल्म की कहानी एक ऐसे बेटे की कहानी है, जो बुरी राह पर चला जाता है और फिर वह अपने माता-पिता की जिंदगी में लौटने की कोशिश करता है। करण ने बताया कि फिल्म की कहानी असल ज़िन्दगी से प्रेरित है, जिसमें उन्होंने फिक्शन का इनपुट डाला है।
करण ने बताया, “कनाडा में एक जगह है, जहां काफी पंजाबी रहते हैं और सभी रईस पंजाबी ही हैं। सभी इस कदर पैसे के पीछे पागल हैं कि आपस में ही एक दूसरे को मारते रहते हैं। इस फिल्म का किरदार भी वहां मर्डर करके आया है और फिर पंजाब में आकर उसी घर में छुप जाता है, जिसके परिवारवालों की हत्या उसने की है। फिर उसके बुरे होने से एक योग्य बेटा बनने तक की कहानी है यह फिल्म।”
करण ने बताया कि हम अक्सर अपने माता पिता की बातों को नज़रंदाज़ करते हैं और आगे चलकर बहुत पछताते हैं। तब महसूस होता है कि वहुत देर हो गई गलतियाँ सुधारने में। करण के अनुसार इस फिल्म की कहानी कहीं न कहीं उनकी जिंदगी के भी बेहद करीब है।