AnujHanumat@Navpravah.Com
समय कभी नही ठहरता बल्कि हमेशा गतिशील रहता है और इसी कारण इसके बीतते एक-एक लम्हे के साथ हमारा जीवन भी मुट्ठी में भरी रेत की तरह फिसलता जाता है। कुछ लोग ऐसे होते हैं वक्त के साथ बदलते चले जाते हैं मगर कुछ लोग ऐसे भी होते हैं, जो वक्त को अपने कर्मों से बदल देते हैं । ऐसे इतिहास की धारा को नया मोड़ देते हैं। जो लोग इतिहास को बदलने की क्षमता रखते हैं इतिहास उन्हें ही याद रखता है। अब जबकि वर्ष 2015 हमसे विदा ले रहा है हम कुछ ऐसी ही हस्तियों को याद कर रहे हैं जिन्होंने वक्त की रेत पर अपने कदमों की दमदार छाप छोड़ी है, जिन्हें याद किये बिना हमारा नए वर्ष में प्रवेश कुछ अधूरा सा लगेगा इसलिए आईये एक झलक डाले उन महान व्यक्तित्वों पर जिन्होंने इस बीते हुए साल में अपनी दमदार उपस्थिति से सबके दिलो दिमाग में अपनी जगह बनाई।
- क्यों खास रहा 2015 ?[metaslider id=1251]
कुछ अन्य झलकियाँ:
*पहली ट्रांसजेंडर प्रिंसिपल मानबी बन्दोपाध्य, सड़क पर आंदोलन के लिए उतरी निर्भया की माँ आशा देवी, मुम्बई लोकल में कैंसर मरीजो के लिए गाकर पैसे जुटाने वाले सौरभ निम्बाकर और आल इंडिया चैम्पियनशिप में प्रवेश करने वाली साइना नेहवाल भी इस बर्ष चर्चित रही।
*हिंदी के ‘हैशटैग’-
ट्विटर पर इस साल अंगरेजी की सामने हिंदी ने अपनी जगह बनाई। अक्सर अंगरेजी में ट्रेड करने वाले हैशटैग इस साल हिंदी में नजर आये। महाशिवरात्री के मौके पर ट्रेंड करता दिखा #हरहरमहादेव। विश्वकप में भारत और पकिस्तान के मैच के दौरान #जयहिंद खूब ट्रेंड में रहा। वही हिंदू-मुस्लिम सम्बन्धो पर छिड़ी बहस ने जन्म दिया #असहिष्णुता को। वैसे भी बीते कुछ सालों में सोशल मीडिया पर हिंदी का चलन बढ़ता हुआ देखा जा रहा है। ट्विटर ने साल 2011 में यूजर्स की संख्या 10 करोड़ पहुँच जाने पर हिंदी इनपुट की व्यवस्था की थी।
*51वां साहित्य अकादमी पुरूस्कार –
साल के आखिरी सप्ताह में प्रसिद्ध गुजराती साहित्यकार रघुबीर चौधरी को 2015 का ज्ञानपीठ पुरूस्कार देने की घोषणा की गई। अमृता,सहवास,अन्तर्वास,वेणू वात्सल(उपन्यास) ,तमाशा और वृक्ष पतनमा(कविता संग्रह) उनकी प्रमुख रचनायो में शुमार है। इससे पहले उनकी कृति ‘उप्रवास कथात्रयी’ को साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है। पिछले वर्ष यह पुरस्कार मराठी साहित्यकार भलचंद्र नेमाडे को मिला था।
*अलविदा – इस वर्ष कई महत्वपूर्ण हस्तियां हमारे बीच से विदा हो गयी ।उन सबके प्रति हमारी हार्दिक श्रद्धांजली:-
1.अब्दुल कलाम आजाद
(1931-2015)
मिसाइलमैन एपीजे अब्दुल कलाम आजाद को जनता का राष्ट्रपति कहा जाता था।
2.चार्ल्स कोरिया
(1930-2015)
महात्मा गांधी संग्रहालय,भारत भवन जैसी इमारतों के वास्तुशिल्पी।
3.आर के लक्ष्मण
(1921-2015)
मशहूर कार्टूनिस्ट लक्ष्मण ने अपने कार्टूनों में आम आदमी का प्रसिद्द रेखाचित्र बनाया।
4.सुभाष घिसिंग
(1936-2015)
घिसिंग गोरखालैंड आंदोलन के जनक थे।
5.विनोद मेहता
(1942-2015)
आउटलुक पत्रिका के संस्थापक संपादक मेहता प्रखर राजनीतिक टिप्पणीकार थे।
6.अशोक सिंघल
(1926-2015)
अशोक सिंघल विश्व हिन्दू परिषद के अध्यक्ष थे।
7.शरद जोशी
(1935-2015)
किसानो के संगठन शेतकारी संगठन के संस्थापक जोशी ने इण्डिया बनाम भारत की अवधारणा दी।
8.अभीनेत्री साधना
(1941-2015)
1960 के दशक की शीर्ष अभिनेत्री साधना के बालों का स्टाइल चर्चित था।
कुल मिलाकर ये साल बहुत से ऐसे व्यक्तित्वों की सफलता का साल था, जिसने आने वाले नए साल की उम्मीदों को और भी बढ़ा दिया है। अब देखना दिलचस्प होगा की आने वाला वर्ष 2016 आशाओं के कितने नए द्वारो को खोलेगा।