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रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने खुद को एक ‘सख्त वार्ताकार’ बताया है और कहा है कि फ्रांस से राफेल लड़ाकू विमान खरीद के सौदे में वे ‘सबसे अच्छी कीमत’ चाहते हैं. रक्षा मंत्री ने कहा कि वित्तीय वर्ष 2016-17 के बजट में राफेल करार का ध्यान रखा गया है और उसके लिए ‘पर्याप्त धन’ अलग रखा गया है.
पत्रकारों ने जब रक्षा मंत्री से राफेल डील पर अब तक दस्तखत न होने का कारण पूछा तो वे बोले, ‘‘मैं एक सख्त वार्ताकार हूं. मुझे देश के लिए कुछ पैसे बचाने दें.’’ उन्होंने कहा, ‘‘भारतीय वायुसेना को विमानों की जरूरत है. पर मेरा मानना है कि एक अच्छा खरीददार अपनी कमजोरी कभी सामने नहीं रखता. वह हर वक्त अपने पत्ते छुपाकर रखता है. कृपया देशहित के लिए आप सब मुझ पर अपने पत्ते खोलने के लिए दबाव न बनाएं .’’
जब पत्रकारों ने पर्रीकर से पूछा कि यदि राफेल करार पर बात नहीं बनती है तो क्या वायुसेना को विमान मुहैया कराने को लेकर उनके पास कोई विकल्प है, इस पर उन्होंने कहा, ‘‘कई बार हालात सामने आने पर उसके अनुसार ही फैसला करना होता है.’’ रक्षा मंत्री ने कहा कि अगले वित्तीय वर्ष के बजट में राफेल करार पर दस्तखत होने की स्थिति में भुगतान का ख्याल रखा गया है. पर्रिकर ने पिछले महीने स्पष्ट किया था कि इस समझौते में अब विमान की कीमत ही एकमात्र असहमति का मु्द्दा रह गया है.
उन्होंने कहा कि यदि करार पर दस्तखत हो जाता है तो कुल कीमत का कम से कम 15 फीसदी भुगतान तुरंत करना होगा. यह करार 59,000 करोड़ रुपये का होने का अनुमान है.