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बॉलीवुड को पूरब और पश्चिम,क्रांति,रोटी कपड़ा और मकान जैसी बेहतरीन फिल्में देने वाले दिग्गज अभिनेता-निर्देशक अभिनेता मनोज कुमार को फिल्म जगत में उनके अमूल्य योगदान के लिए २०१५ का हिंदी सिनेमा का सबसे बड़ा सम्मान ‘दादा साहेब फाल्के पुरस्कार’ दिया जाएगा. फिल्मों में उनके अहम योगदान को देखते हुए जूरी मेंबर्स लता मंगेशकर, आशा भोंसले, सलीम खान, नितिन मुकेश और अनूप जलोटा ने इस अवॉर्ड के लिए मनोज कुमार का नाम सुझाया है.
दादा साहेब फाल्के अवॉर्ड के तहत मनोज कुमार को स्वर्ण कमल के साथ-साथ 10 लाख रुपये की राशि और शॉल दी जाएगी. इस घोषणा के बाद सूचना और प्रसारण मंत्री अरुण जेटली ने मनोज कुमार से बात की और इस अवॉर्ड के लिए उन्हें बधाई दी.
हरिकृष्ण गिरी गोस्वामी उर्फ़ मनोज कुमार का जन्म अविभाजित भारत के एबटाबाद में हुआ था, जो अब पाकिस्तान का हिस्सा है.फिल्म ‘कांच की गुडिया’ से १९६० में उन्होंने बतौर नायक अपना करियर शुरू किया था. शुरुवात भले ही एक रोमांटिक फिल्म से हुई हो,परन्तु जल्द ही उन्होंने देशभक्ति फिल्मों की ओर रुख मोड़ लिया और लगातार सफलताओं के बाद मनोज कुमार से भारत कुमार बन गए. 79 साल के मनोज कुमार ने कई सुपरहिट फिल्में दी हैं. उन्होंने शहीद, हरियाली और रास्ता, हिमालय की गोद में, उपकार, पूरब और पश्चिम, रोटी कपड़ा और मकान, दो बदन,पत्थर के सनम और क्रांति जैसी सुपरहिट फ़िल्में दीं.
गौरतलब है कि मनोज कुमार यह सम्मान पाने वाले ४७वें अभिनेता हैं. इस सम्मान के अतिरिक्त उन्हें फिल्म ‘उपकार’ के लिए राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार मिला था और १९९२ में भारत सर्कार ने भारत कुमार को पद्मश्री से नवाज़ा था.