ब्यूरो
लम्बे अरसे से राज्यपाल और कैबिनेट मंत्री आजम खाँ के बीच चल रहा शीत युद्ध ख़त्म होने का नाम ही नही ले रहा। उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव को नजदीक आते देख आजम खां ने भी राज्यपाल राम नाईक के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। उन्होंने कल राज्यपाल पर आरोप लगाते हुए कहा कि मेरा नुकसान करना ही उनका एकमात्र मिशन है, इसके चलते उनसे मुझे बड़ा ख़तरा पैदा हो गया है।
गुरूवार को नौगावां सादात में पत्रकारों से नगर विकास मंत्री आज़म खान ने फिर कहा कि अयोध्या का विवादित राम मंदिर मुद्दा, जो कि सुप्रीम कोर्ट में लम्बित है ,उस पर बयान देना राज्यपाल को शोभा नही देता। राज्यपाल सवैंधानिक पद हैं, ऐसे सम्माननीय पद पर आसीन हकर राजनीति करना उचित नहीं है।विधानसभा में दिए गए अपने बयान पर आज़म ने कहा कि उन्हें पता होना चाहिए कि विधानसभा में कोई भी सदस्य मंत्री नही विधायक की हैसियत से बोलता है।
आज़म खान ने अपनी नाराज़गी ज़ाहिर करते हुए कहा कि राज्यपाल ने मुझे बर्खास्त करने की बात कहकर उन लोगों का अपमान किया है, जिन्होंने हमें विधायक बनाया। ये देखना दिलचस्प होगा की राज्यपाल और आजम खां के बीच चल रही ये ज़ुबानी जंग किसकी बोलती बन्द करती है।