इंद्रकुमार विश्वकर्मा @ नवप्रवाह.कॉम
मुंबई बम धमाकों के दोषी याकूब मेमन की फांसी रोकने से इन्कार करने वाले सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति दीपक मिश्र को जान से मारने की धमकी दी गई है। गुमनाम चिट्ठी मिलते ही इसकी सूचना तुरंत तुगलक रोड थाना समेत पुलिस कंट्रोल रूम को दे दी गई। चिट्ठी मिलने के बाद उनके सरकारी आवास की सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। आवास के आसपास पुलिस फोर्स के अलावा कमांडो भी तैनात कर दिए गए हैं। आवास के आसपास से गुजरने वालों पर भी कड़ी नजर रखी जा रही है।
मुंबई में 1993 में हुए सीरियल ब्लास्ट के जिम्मेदार अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम के सहयोगी याकूब मेमन की फांसी की सजा रोकने से इंकार करने वाली सुप्रीम कोर्ट के तीन सदस्यीय खंडपीठ में न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति प्रफुल्ल पंत व न्यायमूर्ति अमिताव राय शामिल थे।
जांच में क्राइम ब्रांच व स्पेशल सेल समेत तमाम सुरक्षा एजेंसियां जुट गई हैं। नई दिल्ली जिला पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) विजय सिंह ने इसकी पुष्टि की है।
उल्लेखनीय है कि याकूब के अधिवक्ता ने दो बार खंडपीठ के समक्ष फांसी रोकने के लिए पुनर्विचार याचिका दायर की थी। खंडपीठ का नेतृत्व दीपक मिश्रा ने किया था। 1993 के बम धमाकों में 257 लोगों की मौत हुई थी और याकूब को इस मामले में 2007 में दोषी ठहराया गया था। मेमन की फांसी के बाद 30 जुलाई को ही तीनों जजों की सुरक्षा बढ़ा दी गई थी। इनके आवास पर आंतरिक सुरक्षा की जिम्मेदारी सी.आर.पी.एफ. के जवानों पर है।