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हिंदू महासभा के नेता कमलेश तिवारी के पैगम्बर मोहम्मद के खिलाफ दिए गए विवादित बयान के कारण माहौल और ज़्यादा बिगड़ता नज़र आ रहा है. पश्चिम बंगाल के मालदा के बाद अब बिहार के पूर्णिया में भी हिंसा का मामला सामने आया है.
पूर्णिया में आल इंडिया इस्लामिक काउंसिल के बैनर तले यूपी के अखिल भारतीय हिंदू महासभा के नेता कमलेश तिवारी के एक भड़काऊ बयान के विरोध में जुलूस निकाला गया था . बायसी के पूर्व विधायक मोहम्मद रुखनुद्दीन के नेतृत्व में यह जुलूस निकाला गया था . काउंसिल की ओर से कमलेश तिवारी को फांसी देने की मांग हो रही थी . इसी दौरान जुलूस में शामिल लोगों ने बायसी थाने पर अचानक धावा बोल दिया . भीड़ ने थाने में जमकर तोड़फोड़ की . थाने के अंदर सामानों को भी नुकसान पहुंचाया . थाने के जरूरी कागजात भी लेकर चले गए .
इससे पहले कमलेश तिवारी के विवादित बयान को लेकर मालदा में हजारों की भीड़ ने हिंसा फैलाई थी . थाने के अंदर भी आगजनी की गई थी . दो दर्जन से ज्यादा गाड़ियों में आग लगा दी गई थी . मालदा में भी मुस्लिम समुदाय कमलेश तिवारी को फांसी की मांग कर रहा था.
कमलेश तिवारी पर कई बार भड़काऊ बयान और धार्मिक उन्माद फैलाने के आरोप लग चुके हैं और कई विवादों में वो जेल भी जा चुके हैं . कमलेश के ताजा विवाद की शुरुआत नवंबर में हुई थी जब उत्तर प्रदेश के कैबिनेट मंत्री आजम खान ने कुछ दिन पहले कहा था कि आरएसएस में लोग इसलिए शादी नहीं करते हैं क्योंकि वो समलैंगिक होते हैं. इसके जवाब में कमलेश तिवारी ने पैगंबर मोहम्मद पर आपत्तिजनक टिप्पणी कर दी थी.सोशल मीडिया पर तिवारी का बयान आग की तरह फैला और उतनी ही तेजी से देश भर में विरोध प्रदर्शन भी हुए . 2 दिसंबर को लखनऊ में कमलेश तिवारी को राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत गिरफ्तार कर लिया गया. कमलेश तिवारी पर कानूनी कार्यवाही होने के बाद भी मुस्लिम समुदाय के विरोध प्रदर्शन नहीं रुक रहे हैं .