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महाराष्ट्र में परप्रांतियों के ऑटोरिक्शे को जला देने वाले मामले पर मनसे प्रमुख राज ठाकरे बैकफुट पर नज़र आ रहे हैं। राज ठाकरे ने अस्थायी रूप से इस आंदोलन को विराम देने का संकेत दे दिया है। अँधेरी में एक रिक्शा जलाए जाने के बाद राज को चौतरफा आलोचना का शिकार होना पड़ा, जिसकी वजह से राज ने यह निर्णय किया।
भाषा और प्रांत के नाम पर हमेशा माहौल को बिगाड़ने वाले राज ठाकरे इस बार सबके निशाने पर आ गए हैं। लगभग हर पार्टी के नेताओं ने रिक्शा जलाए जाने के राज ठाकरे के आह्वान को ‘गरीबों पर अत्याचार’ बताते हुए इस कृत्य की आलोचना की। इस मामले में ऑटो रिक्शा यूनियन ने मुख्यमंत्री फडणवीस को पत्र लिखकर राज ठाकरे पर तत्काल कार्रवाई करने की मांग की। यूनियन ने आरोप लगाया कि अँधेरी में जो रिक्शा जलाया गया उसमें भी मनसे कार्यकर्ताओं का हाथ है।
इस मामले पर मुख्यमंत्री फडणवीस ने स्पष्ट किया कि रिक्शा चालक भय में न रहे। उनकी सुरक्षा की ज़िम्मेदारी राज्य सरकार है। इस पूरे घटनाक्रम के बाद ठाकरे ने शुक्रवार को आंदोलन को अस्थायी विराम देने की बात कही है। मनसे नेता शिरिष सावंत ने कहा कि चूंकि नए ऑटोरिक्शा अभी भी सड़कों पर नहीं आए हैं, ऐसे में कुछ असामाजिक तत्व स्थिति का नाजायज फायदा उठा रहे हैं।
मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने कहा कि निर्धारित शर्तों को पूरा करने वाले व्यक्ति को परमिट मिलेगा, चाहे वह किसी भी प्रांत का हो। जिन्हें परमिट मिल रहा है, उनकी सुरक्षा सरकार का कर्तव्य है। इस पूरे मामले में राज ठाकरे बैकफुट पर नज़र आ रहे हैं।