रणबीर कपूर ने अपनी आगामी फिल्म ‘तमाशा’ के लिए नवप्रवाह.कॉम से लम्बी बातचीत की। जिसमे उन्होंने तमाशा के अलावा अपने फ़िल्मी सफ़र के बारे में भी कई बातें बताई। रणबीर की तमाशा शुक्रवार 27 नवम्बर को रिलीज़ हो रही है, उन्हें उम्मीद है कि यह फिल्म दर्शकों को ज़रूर भाएगी। प्रस्तुत है रणबीर से हुई लम्बी बातचीत के प्रमुख अंश-
प्रश्न: ऐसे किरदार जो आम आदमी के जीवन से काफी हद तक जुड़े हैं, उनका चुनाव करना क्या एक सही निर्णय है?
रणबीर: हिंदी फ़िल्म जगत के अभिनेता के तौर पर मुझे हमेशा लगता है कि मेरे किरदार की खासियत कहीं न कहीं अन्तर्निहित है। मैंने कहीं पढ़ा है कि खासियत हमेशा कोशिश करने में होती है और मैं खुद को या अपने किरदार को, हमेशा इससे जोड़ कर देखता हूँ। मुझे श्री 420 जैसी फिल्में बहुत पसंद हैं और मैं हमेशा ऐसे किरदार आज़माना चाहता हूँ।
प्रश्न: इम्तियाज़ जिस तरह की फिल्में बनाते हैं, आपके अनुसार उनकी संकल्पना के विषय में उनके दिमाग में क्या होता है?
रणबीर: इम्तियाज़ के साथ मेरा बहुत करीबी और खास रिश्ता है। इस फ़िल्म को उन्होंने एक बहुत छोटी सी बात को ध्यान में रख कर बनाया है। वे ऐसे डायरेक्टर हैं जो वेस्टर्न कांसेप्ट से बिलकुल परे हैं । उनकी कहानियाँ बहुत ही मौलिक होती हैं और भारतीय संकल्पना पर आधारित होती हैं। सबसे महात्त्वपूर्ण बात यह है कि जीवन और संबंधों पर उनकी पकड़ बहुत अच्छी है।
प्रश्न: फ़िल्म तमाशा में आप अपने आपको अपने किरदार से किस प्रकार जोड़ कर देखते हैं?
रणबीर: जब मैंने फ़िल्म रॉकस्टार में काम किया, मैं खुद को उस किरदार के साथ नहीं जोड़ पा रहा था। इसलिए मैंने निर्देशक और अपने आस पास के लोगों की मदद ली। लेकिन फ़िल्म तमाशा में मैं खुद को उस किरदार से जोड़ कर देख सकता हूँ। फ़िल्म क्षेत्र से जुड़े एक परिवार से होने के कारण मुझे एक कलाकार बनने की पूर्ण स्वतंत्रता थी लेकिन एक आम इंसान के तौर पर हर कोई उस दौर से गुज़रता है, जिसे वेद के किरदार द्वारा फ़िल्म में दर्शाया गया है।
प्रश्न: आप ऐसी फिल्मों में किस प्रकार की चुनौती महसूस करते हैं जहां आपका अपने करैक्टर से बिलकुल सम्बन्ध नहीं होता?
रणबीर: ‘तमाशा’ और ‘वेक अप सिड’,सिर्फ ये दो फिल्में हैं जिनमें मैंने खुद को अपने किरदार के साथ संबंधित महसूस किया है।’रॉकस्टार’ एक सुविस्तृत फ़िल्म है और ऐसे किरदार निभाना मुझे पसंद है क्योंकि ऐसी फिल्मों में आप खुद को अपने किरदार के अंदर समेट सकते हैं।
प्रश्न: शूटिंग के दौरान फ़िल्म से जुड़े ख़ास पल कौनसे थे?
रणबीर: ऐसे किसी एक खास पल का ज़िक्र संभव नहीं है क्योंकि कई ऐसे मौके थे जो बहुत खास थे।
प्रश्न: एक कलाकार होने के नाते आपके लिए ज़्यादा महत्वपूर्ण क्या है,कहानी या निर्देशक?
रणबीर: दोनों ही अपनी जगह महत्त्वपूर्ण हैं लेकिन मुझे ऐसा लगता है कि एक अच्छा निर्देशक फ़िल्म के लिए बहुत ज़रूरी है। अगर निर्देशक हर चीज़ के बीच सामंजस्य नहीं बिठा पायेगा और उनका सही उपयोग नहीं कर पायेगा तो फ़िल्म की असफलता निश्चित है। एक अच्छा निर्देशक ही कलाकारों और कहानी का सही उपयोग कर सकता है।
प्रश्न: एक कलाकार के तौर पर अपने जीवन के इस मुकाम पर आप सफलता को किस दृष्टि से देखते हैं?
रणबीर: एक कलाकार के तौर पर मेरे लिए सबसे बड़ी सफलता यही है कि मैं जिन कलाकारों और निर्देशकों के साथ काम करना चाहता हूँ, उनके साथ मुझे काम करने का मौका मिल रहा है।